अपने ही बढ़ाएंगे भाजपा और कांग्रेस की मुसीबत
बागियों को मनाने के असफल हुए प्रयास
भोपाल। विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए उनके अपने ही मुसीबत बन गए हैं। दोनों ही दलों ने नाराज नेताओं को मनाने का प्रयास तो किए, मगर टिकट ना मिलने से नाराज नेताओं की नाराजगी को वे दूर नहीं कर पाए। परिणाम यह हुआ कि कुछ निर्दलीय तो कुछ दूसरे दलों के सहारे मैदान में उतर गए हैं। ये नेता अब दोनों ही दलों के लिए मुसीबत बन गए है।
विधानसभा चुनाव में पिछले चुनावों की तरह ही इस बार भी भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए उनके अपने ही मुसीबत बढा रहे हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि इस बार कांग्रेस से ज्यादा भाजपा के अपने नाराज नेताओं ने मैदान में ताल ठोक दी हैं। भाजपा संगठन को उम्मीद थी कि वरिश्ठ नेताओं के प्रयास से नाराज नेता मान जाएंगे, मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ। वहीं कांग्रेस में भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के प्रयास विफल ही रहे। कुछ नेताओं को तो वे मनाने में सफल रहे, मगर आधा दर्जन पूर्व विधायकों को वे फिर भी नहीं मना पाए। इसके चलते इन नेताओं ने मैदान में ताल ठोक दी है। अब ये निर्दलीय रूप से मैदान में उतरकर कभी अपने साथी रहे प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ते नजर आ रहे हैं।
भाजपा की बात करें तो बुरहानपुर से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह, टीकमगढ़ से पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। मुरैना सीट से भाजपा के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह बसपा से मैदान में हैं। इसी तरह निवाड़ी विधानसभा सीट से नंदराम कुशवाहा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। पूर्व विधायक रसाल सिंह ने भिंड जिले की लहार सीट से बसपा के प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़ रहे है। चाचौड़ा से भाजपा की पूर्व विधायक ममता मीणा आप के प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरी हैं। अटेर से भाजपा के पूर्व विधायक मुन्नालाल भदोरिया सपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे हैं। वहीं भाजपा के पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी को सपा ने मउंगज सीट से मैदान में उतारा है। मैहर में भाजपा विधायक रहे नारायण त्रिपाठी ने अपनी पार्टी बनाकर मैहर से ताल ठोकी है। इसी तरह सागर में भाजपा के मुकेश जैन ढ़ाना ने आप के प्रत्याशी के रूप में मोर्चा खोला है।
कांग्रेस की राह भी नहीं आसान
कांग्रेस के हाल भी भाजपा की तरह है। कई स्थानों पर उसके नाराज नेताओं ने मैदान में उतरकर परेशानी को बढ़ा दिया है। नरसिंहपुर की गोटेगांव विधानसभा सीट से शेखर चैधरी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, भोपाल उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी के चाचा आमिर अकील मैदान में हैं। इसके अलावा रतलाम के आलोट से कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू, उज्जैन के बड़नगर से राजेंद्र सिंह सोलंकी चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा जबलपुर की बरगी सीट से पूर्व विधायक के पुत्र जयकांत सिंह और सिवनी मालवा सीट से पूर्व विधायक ओम प्रकाश रघुवंशी ताल ठोक रहे हैं।