पहली बार देखा किसी नेता के बेटे ने ही बांट दिए टिकट
0
कमलनाथ कांग्रेस ने पेश किया यह अनूठा उदाहरण
भोपाल। कांग्रेस परिवारवाद की गारंटी है, यह तो सुना था। ऐसी पार्टियों में नेताओं के बेटों को टिकट मिलना भी आम बात है, लेकिन ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब किसी नेता के बेटे ने ही टिकट बांट दिए हों। प्रदेश में कमलनाथ कांग्रेस ने यह अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है।
यह बात आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कही। कांग्रेस पार्टी द्वारा अधिकृत उम्मीदवारों की घोषणा किए जाने से पहले ही जिस तरह से नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में टिकट बांटे हैं, उससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और जनता के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या नकुलनाथ गांधी परिवार, मल्लिकार्जुन खड़गे और सीडब्लूसी से भी ऊपर हो गए हैं? शर्मा ने कहा कि छिंदवाड़ा में जिस तरह से नकुलनाथ ने टिकट बांटे हैं, उससे कांग्रेस पार्टी के वजूद पर ही सवालिया निशान लग गया है। आखिर कांग्रेस पार्टी कितनी है और किसकी है, यही आज सबसे बड़ा सवाल बन गया है। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि सोनिया गांधी-राहुल गांधी की कांग्रेस से कमलनाथ-नकुलनाथ की कांग्रेस अलग हो। शर्मा ने कहा कि कमलनाथ इधर दिग्विजय सिंह के कपड़े फटवाते रहे और उधर बेटे से टिकट बंटवाते रहे। इससे हर किसी के मन में यह संदेह पैदा होना स्वाभाविक है कि या तो नकुलनाथ टिकट ब्लैकिया बन गए हैं, या फिर कमलनाथ और नकुलनाथ मिलकर कांग्रेस में कुछ अलग ही खिचड़ी पका रहे हैं।
मजाक बने कांग्रेस के अंदरूनी सर्वे
शर्मा ने कहा कि जिस तरह से कमलनाथ की शह पर नकुलनाथ ने टिकट बांटे हैं और 10 जनपथ सोता रहा, उससे कांग्रेस का अंदरूनी सर्वे मजाक बनकर रह गया है। पहले कांग्रेस पार्टी द्वारा कहा गया था कि सर्वे और जमीनी कार्यकर्ताओं के आंकलन के आधार पर ही टिकट दिए जाएंगे। लेकिन नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में जो खेल खेला है, उससे साबित हो गया है कि कोई सर्वे नहीं, कांग्रेस में नकुलनाथ ही सर्वे-सर्वा बन गए हैं। पार्टी नेतृत्व को दरकिनार करते हुए जिस तरह से नकुलनाथ ने टिकट बांटे हैं, उससे ऐसा लगता है कि अब कांग्रेस के नए नाथ नकुलनाथ ही हैं।
भोपाल। कांग्रेस परिवारवाद की गारंटी है, यह तो सुना था। ऐसी पार्टियों में नेताओं के बेटों को टिकट मिलना भी आम बात है, लेकिन ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब किसी नेता के बेटे ने ही टिकट बांट दिए हों। प्रदेश में कमलनाथ कांग्रेस ने यह अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है।
यह बात आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कही। कांग्रेस पार्टी द्वारा अधिकृत उम्मीदवारों की घोषणा किए जाने से पहले ही जिस तरह से नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में टिकट बांटे हैं, उससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और जनता के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या नकुलनाथ गांधी परिवार, मल्लिकार्जुन खड़गे और सीडब्लूसी से भी ऊपर हो गए हैं? शर्मा ने कहा कि छिंदवाड़ा में जिस तरह से नकुलनाथ ने टिकट बांटे हैं, उससे कांग्रेस पार्टी के वजूद पर ही सवालिया निशान लग गया है। आखिर कांग्रेस पार्टी कितनी है और किसकी है, यही आज सबसे बड़ा सवाल बन गया है। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि सोनिया गांधी-राहुल गांधी की कांग्रेस से कमलनाथ-नकुलनाथ की कांग्रेस अलग हो। शर्मा ने कहा कि कमलनाथ इधर दिग्विजय सिंह के कपड़े फटवाते रहे और उधर बेटे से टिकट बंटवाते रहे। इससे हर किसी के मन में यह संदेह पैदा होना स्वाभाविक है कि या तो नकुलनाथ टिकट ब्लैकिया बन गए हैं, या फिर कमलनाथ और नकुलनाथ मिलकर कांग्रेस में कुछ अलग ही खिचड़ी पका रहे हैं।
मजाक बने कांग्रेस के अंदरूनी सर्वे
शर्मा ने कहा कि जिस तरह से कमलनाथ की शह पर नकुलनाथ ने टिकट बांटे हैं और 10 जनपथ सोता रहा, उससे कांग्रेस का अंदरूनी सर्वे मजाक बनकर रह गया है। पहले कांग्रेस पार्टी द्वारा कहा गया था कि सर्वे और जमीनी कार्यकर्ताओं के आंकलन के आधार पर ही टिकट दिए जाएंगे। लेकिन नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में जो खेल खेला है, उससे साबित हो गया है कि कोई सर्वे नहीं, कांग्रेस में नकुलनाथ ही सर्वे-सर्वा बन गए हैं। पार्टी नेतृत्व को दरकिनार करते हुए जिस तरह से नकुलनाथ ने टिकट बांटे हैं, उससे ऐसा लगता है कि अब कांग्रेस के नए नाथ नकुलनाथ ही हैं।