जरूरतमंद लोगों को पांच रूपए मिलेगा भरपेट भोपाल
मुख्यमंत्री ने चलित रसोई केंद्रों को दिखाई हरी झंडी
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट पार्क से 10 चलित दीनदयाल रसोई केंद्र झंडी दिखाकर रवाना किए। ये चलित केंद्र भोपाल शहर के उन स्थानों पर जाकर श्रमिकों और अन्य जरूरतमंद लोगों को पांच रुपए में भरपेट भोजन उपलब्ध करवाएंगे जहां ऐसे लोग कार्य करते हैं। प्रदेश के अन्य नगरों में भी चलित केंद्र संचालित किए जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय दरिद्र को ही भगवान मानते थे। उनका मानना था कि यदि दरिद्र की सेवा की तो यह समझ लेना कि भगवान की पूजा कर ली। पंडित दीनदयाल जी के इस मंत्र को स्वीकार करते हुए दरिद्र नारायण की सेवा के लिए मध्यप्रदेश में अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन्हीं में से एक योजना है दीनदयाल रसोई योजना। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के प्रारंभ करने के दो प्रमुख उद्देश्य हैं। एक यह कि रियायती दर पर गरीब व्यक्ति को भोजन मिल सके, दूसरा प्रवासी श्रमिक और अन्य जरूरतमंद नागरिकों को कार्य स्थल के नजदीक भरपेट भोजन की सुविधा मिल सके। इस व्यवस्था से ऐसे मजदूर जो गांव से शहर आकर जीविका चलाते हैं, उन्हें अधिक राशि और समय खर्च किए बिना उनके काम करने की जगह पर ताजा भोजन उपलब्ध हो जाएगा। पूर्व में संचालित केन्द्र एक स्थान पर ही होते थे। चलित रसोई केन्द्र सिर्फ 5 रूपए की कीमत में भोजन उपलब्ध करवाएंगे। मजदूरों द्वारा अन्य स्थानों पर भोजन के लिए जाने पर उनकी मजदूरी का पैसा भोजन में ही खर्च हो जाता था। खून-पसीने की कमाई को श्रमिक बंधु सिर्फ भोजन के लिए खर्च कर देते थे। मध्यप्रदेश सरकार ने योजना में प्रति व्यक्ति 10 रूपए के मान से अनुदान देने की व्यवस्था की है।
प्रदेश में चल रहे 25 चलित रसोई केन्द्र
प्रदेश में 25 चलित रसोई केंद्र प्रारंभ हुए हैं। चलित केंद्र की लागत 25 लाख रुपए है। इसमें खाना तैयार करने और गर्म खाना रखने के आधुनिक उपकरण भी रहेंगे। इन केन्द्रों में 5 रूपए थाली की दर से सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक भोजन का वितरण किया जाता है। प्रदेश में 10 लाख से अधिक आबादी वाले जिन नगरों में चलित केन्द्र शुरू हुए हैं उनमें भोपाल में 3, इंदौर में 4, जबलपुर, ग्वालियर में दो-दो चलित रसोई केंद्र शामिल हैं। शेष 12 नगर निगमों और 2 औद्योगिक नगरों पीथमपुर एवं मंडीदीप में एक-एक चलित रसोई केन्द्र का संचालन शुरू किया गया है। शीघ्र ही 20 हजार से अधिक आबादी वाले 68 नगरीय निकायों में भी इस तरह के रसोई केन्द्र शुरू करने की योजना है।