यशोधरा नहीं लड़ेंगी चुनाव, संगठन को भेजा पत्र
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स्वास्थ्यगत कारणों का दिया हवाला
भोपाल। भाजपा की दूसरी सूची जारी होने के बाद से प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों के टिकट कटने की बातें सामने आ रही थी। टिकट कटे उसके पहले शिवराज मंत्रिमंडल की सदस्य यशोधरा राजे सिंधिया ने साफ कर दिया ि कवे इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। स्वास्थ्यगत कारणों के चलते वे चार से छह माह आराम करना चाह रही है। इस आशय की जानकारी उन्होंने संगठन और वरिश्ठ नेताओं को पत्र लिखकर दे दी है।
राज्य के खेल मंत्री और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया ने आज बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव न लड़ने की इच्छा संगठन को जताई है। संगठन और पार्टी के पदाधिकारियों को पत्र लिखकर उन्होंने इस बात की जानकारी भी दे दी है। बताया जा रहा है कि सरकार और संगठन को उन्होंने पत्र लिखकर चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। इसके पीछे की वजह उन्होंने खराब स्वास्थ्य का होना बताया है। फिलहाल यशोधरा शिवपुरी विधानसभा सीट से विधायक है और अब आगे वह चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं। इसे लेकर यशोधरा ने अपने समर्थकों से भी चर्चा की है। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें इस मामले में फिर विचार करने की सलाह दी है, लेकिन फिलहाल वे अपना फैसला सुना चुकी है। पत्र में उन्होंने कहा कि है कि वे चार बार कोविड का शिकार हो चुकी हैं। शारीरिक तौर पर परिश्रम की स्थिति में नहीं हैं। चुनाव में लगातार भागदौड़ होने के कारण परेशानी बढ़ सकती है। इस वजह से वो चुनाव नहीं लड़ेंगी। वह फिलहाल 5-6 महीने आराम करना चाहती हैं। सूत्रों की माने तो यशोधरा लंबे समय से अपनी उपेक्षा को लेकर संगठन से नाराज चल रही थी। इसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया है।
भोपाल। भाजपा की दूसरी सूची जारी होने के बाद से प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों के टिकट कटने की बातें सामने आ रही थी। टिकट कटे उसके पहले शिवराज मंत्रिमंडल की सदस्य यशोधरा राजे सिंधिया ने साफ कर दिया ि कवे इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। स्वास्थ्यगत कारणों के चलते वे चार से छह माह आराम करना चाह रही है। इस आशय की जानकारी उन्होंने संगठन और वरिश्ठ नेताओं को पत्र लिखकर दे दी है।
राज्य के खेल मंत्री और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया ने आज बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव न लड़ने की इच्छा संगठन को जताई है। संगठन और पार्टी के पदाधिकारियों को पत्र लिखकर उन्होंने इस बात की जानकारी भी दे दी है। बताया जा रहा है कि सरकार और संगठन को उन्होंने पत्र लिखकर चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। इसके पीछे की वजह उन्होंने खराब स्वास्थ्य का होना बताया है। फिलहाल यशोधरा शिवपुरी विधानसभा सीट से विधायक है और अब आगे वह चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं। इसे लेकर यशोधरा ने अपने समर्थकों से भी चर्चा की है। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें इस मामले में फिर विचार करने की सलाह दी है, लेकिन फिलहाल वे अपना फैसला सुना चुकी है। पत्र में उन्होंने कहा कि है कि वे चार बार कोविड का शिकार हो चुकी हैं। शारीरिक तौर पर परिश्रम की स्थिति में नहीं हैं। चुनाव में लगातार भागदौड़ होने के कारण परेशानी बढ़ सकती है। इस वजह से वो चुनाव नहीं लड़ेंगी। वह फिलहाल 5-6 महीने आराम करना चाहती हैं। सूत्रों की माने तो यशोधरा लंबे समय से अपनी उपेक्षा को लेकर संगठन से नाराज चल रही थी। इसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया है।
टिकट कटने का भी जताया जा रहा अंदेशा
भाजपा में मंत्रियों और विधायकों के टिकट कटने के अंदेशा दूसरी सूची के बाद से जताया जा रहा है। माना जा रहा है कि करीब आधा दर्जन मंत्रियों के टिकट कट सकते हैं। वहीं तीन दर्जन से ज्यादा विधायकों के टिकट कटने की बातें भी सामने आ रही है। यशोधरा राजे सिंधिया ने संभवतः इसी के चलते टिकट कटे उसके पहले ही अपनी इच्छा जताकर चुनाव मैदान से दूरी बना ली है। सूत्रों की माने तो बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन, अनुपपूर से बिसाहूलाला सिंह, ग्वालियर ग्रामीण से भरत सिंह कुशवाह, अमरपाटन से रामखिलावन पटेल, मुंगावली से बृजेंद्र सिंह यादव, और बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल के अलावा सिंधिया समर्थक कुछ मंत्रियों के टिकट भाजपा काट सकती है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि कुछ मंत्रियों के खिलाफ भ्रश्टाचार के आरोप स्थानीय लोगों द्वारा लगाए गए हैं, वहीं कुछ के खिलाफ जनआक्रोश भी नजर आ रहा है।
बुआ की जगह भतीजा ?
मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के चुनाव न लड़ने के फैसले के बाद इस बात के कयास लगने लगे की भाजपा शिवपुरी में उनके स्थान पर यशोधरा राजे सिंधिया के भतीजे और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव मैदान में उतार सकती है। हालांकि अभी इस तरह के कयास ही लगाए जा रहे हैं। सिंधिया गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से लंबे समय तक सांसद रहे हैं, जिससे उनकी यहां पकड़ मजबूत मानी जाती है। ऐसे में भाजपा की आने वाले चौथी सूची में सिंधिया का नाम आ सकता है।
अब कोई मंत्री नहीं लिखेगा चिट्ठी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने इस बात की पुश्टि की कि मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया आने वाला विधानसभा चुनाव अब नहीं लड़ेंगी। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस बात की गारंटी देता हूं कि और कोई मंत्री ऐसी चिट्ठी नहीं लिखेगा। यशोधरा राजे सिंधिया ने स्वास्थ्य कारणों से चिट्ठी लिखी है।
भाजपा में मंत्रियों और विधायकों के टिकट कटने के अंदेशा दूसरी सूची के बाद से जताया जा रहा है। माना जा रहा है कि करीब आधा दर्जन मंत्रियों के टिकट कट सकते हैं। वहीं तीन दर्जन से ज्यादा विधायकों के टिकट कटने की बातें भी सामने आ रही है। यशोधरा राजे सिंधिया ने संभवतः इसी के चलते टिकट कटे उसके पहले ही अपनी इच्छा जताकर चुनाव मैदान से दूरी बना ली है। सूत्रों की माने तो बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन, अनुपपूर से बिसाहूलाला सिंह, ग्वालियर ग्रामीण से भरत सिंह कुशवाह, अमरपाटन से रामखिलावन पटेल, मुंगावली से बृजेंद्र सिंह यादव, और बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल के अलावा सिंधिया समर्थक कुछ मंत्रियों के टिकट भाजपा काट सकती है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि कुछ मंत्रियों के खिलाफ भ्रश्टाचार के आरोप स्थानीय लोगों द्वारा लगाए गए हैं, वहीं कुछ के खिलाफ जनआक्रोश भी नजर आ रहा है।
बुआ की जगह भतीजा ?
मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के चुनाव न लड़ने के फैसले के बाद इस बात के कयास लगने लगे की भाजपा शिवपुरी में उनके स्थान पर यशोधरा राजे सिंधिया के भतीजे और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव मैदान में उतार सकती है। हालांकि अभी इस तरह के कयास ही लगाए जा रहे हैं। सिंधिया गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से लंबे समय तक सांसद रहे हैं, जिससे उनकी यहां पकड़ मजबूत मानी जाती है। ऐसे में भाजपा की आने वाले चौथी सूची में सिंधिया का नाम आ सकता है।
अब कोई मंत्री नहीं लिखेगा चिट्ठी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने इस बात की पुश्टि की कि मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया आने वाला विधानसभा चुनाव अब नहीं लड़ेंगी। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस बात की गारंटी देता हूं कि और कोई मंत्री ऐसी चिट्ठी नहीं लिखेगा। यशोधरा राजे सिंधिया ने स्वास्थ्य कारणों से चिट्ठी लिखी है।