मोटे अनाज के उत्पादन को प्रोत्साहित करने बनाएं योजना
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मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियों को दिए निर्देश
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप प्रदेश में मोटे अनाज अर्थात मिलेट्स के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विशेषज्ञ और विभागीय अधिकारियों की समिति बनाकर कार्य-योजना विकसित की जाए। समिति में कृषक प्रतिनिधियों को भी अनिवार्यतः शामिल किया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में रविवार को कृषि विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोटे अनाजों के उत्पादन से फसल लेने की लागत में कमी आएगी और कृषकों की आय में वृद्धि होगी। यह पहल किसानों के सामाजिक आर्थिक स्तर में सुधार लाने और खेती को लाभ के व्यवसाय के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तिलहन और दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी कृषकों को प्रेरित किया जाए। इसके लिए कृषकों को नवीन कृषि तकनीक, उन्नत बीज, उपयुक्त उर्वरक और कीटनाशक के संबंध में मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाए। बैठक में जानकारी दी गई की प्रदेश में धान का क्षेत्राच्छादन साधन 36 लाख 33 हजार हेक्टर क्षेत्र में है और उपार्जन के लिए 7 लाख 76 हजार किसान पंजीकृत हैं। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
नाथ संप्रदाय ने दुनिया को योग का अर्थ समझाया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को बुधनी तहसील के ग्राम जर्रापुर में आयोजित नाथ संप्रदाय के संत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी देश, भारत की सनातन संस्कृति को समझने की जिज्ञासा रखते हैं। भारत को जानने के लिए भारत में प्राचीन काल से चली आ रही सनातन संस्कृति को जानना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाथ संप्रदाय ने दुनिया को योग का वास्तविक अर्थ समझाया है। आदि गुरु गोरखनाथ के मार्गदर्शन में योग के विश्व के सर्वाधिक प्रसार में नाथ संप्रदाय का प्रमुख योगदान रहा है। उन्होंने संतों की मांग पर बुधनी में नर्मदा के किनारे घाट निर्माण कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार साधु संतों की सेवा के निरंतर तत्पर है और उनकी आवश्यकतानुसार उज्जैन में भी आश्रम के लिये वैधानिक तौर पर भूमि उपलब्ध कराई जायेगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप प्रदेश में मोटे अनाज अर्थात मिलेट्स के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विशेषज्ञ और विभागीय अधिकारियों की समिति बनाकर कार्य-योजना विकसित की जाए। समिति में कृषक प्रतिनिधियों को भी अनिवार्यतः शामिल किया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में रविवार को कृषि विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोटे अनाजों के उत्पादन से फसल लेने की लागत में कमी आएगी और कृषकों की आय में वृद्धि होगी। यह पहल किसानों के सामाजिक आर्थिक स्तर में सुधार लाने और खेती को लाभ के व्यवसाय के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तिलहन और दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी कृषकों को प्रेरित किया जाए। इसके लिए कृषकों को नवीन कृषि तकनीक, उन्नत बीज, उपयुक्त उर्वरक और कीटनाशक के संबंध में मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाए। बैठक में जानकारी दी गई की प्रदेश में धान का क्षेत्राच्छादन साधन 36 लाख 33 हजार हेक्टर क्षेत्र में है और उपार्जन के लिए 7 लाख 76 हजार किसान पंजीकृत हैं। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
नाथ संप्रदाय ने दुनिया को योग का अर्थ समझाया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को बुधनी तहसील के ग्राम जर्रापुर में आयोजित नाथ संप्रदाय के संत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी देश, भारत की सनातन संस्कृति को समझने की जिज्ञासा रखते हैं। भारत को जानने के लिए भारत में प्राचीन काल से चली आ रही सनातन संस्कृति को जानना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाथ संप्रदाय ने दुनिया को योग का वास्तविक अर्थ समझाया है। आदि गुरु गोरखनाथ के मार्गदर्शन में योग के विश्व के सर्वाधिक प्रसार में नाथ संप्रदाय का प्रमुख योगदान रहा है। उन्होंने संतों की मांग पर बुधनी में नर्मदा के किनारे घाट निर्माण कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार साधु संतों की सेवा के निरंतर तत्पर है और उनकी आवश्यकतानुसार उज्जैन में भी आश्रम के लिये वैधानिक तौर पर भूमि उपलब्ध कराई जायेगी।