किसानों के सुख-दुख की चिंता करना हमारा धर्म
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मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना में हितग्राहियों से फार्म भरवाने के कार्य का शुभारंभ
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को स्थाई कृषि पंप कनेक्शन देने के लिए मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना में हितग्राहियों से फार्म भरवाने के कार्य का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना में 3 एचपी या अधिक क्षमता के स्थाई पंप कनेक्शन के लिए 200 मीटर तक की दूरी की 11के.वी. लाइन के विस्तार, वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना और निम्न दाब लाइन केबल विस्तार कार्य शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान के सुख-दुःख की चिंता करना हमारा धर्म है। मैं शीघ्र ही पुनः किसानों से मिलने वाला हूँ, साथ ही किसानों और भी सौगातें देना है।
राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हरदा जिले के ग्राम जिनवानिया की नमिता रनवे और भैंरूदा सीहोर के प्रेमनारायण पंवार के आवेदन भरवाकर योजना में नामांकन की प्रक्रिया आरंभ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का क्रियान्वयन तत्काल आरंभ किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता के साथ-साथ हमारे प्राणदाता भी हैं। वे यदि खेतों में ना खपें तो हमारा जीवन दो-चार दिन भी नहीं चल पायेगा। किसानों की मेहनत, त्याग और तपस्या ने ही मध्य प्रदेश को कृषि क्षेत्र में देश में अव्वल बनाया है। हमारे शरबती गेहूं, चिन्नोर चावल को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है। प्रदेश में 2002-03 में खाद्यान्न उत्पादन 159 लाख मैट्रिक टन था, जो अब बढ़कर 619 लाख मैट्रिक टन हो गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण के साथ-साथ पर्याप्त बिजली और सिंचाई की व्यवस्था की है। हर किसान को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना हमारा संकल्प है। केन बेतवा लिंक परियोजना को स्वीकृति प्राप्त हो गई है, इससे प्रदेश में सिंचाई का रकबा और बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसान कल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। वर्षा से यदि कहीं नुकसान हुआ है तो किसान चिंता ना करें, उन्हें सर्वे करा कर सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
हर खेत को देंगे पानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जमाना था जब केवल तीन से चार घंटे बिजली मिलती थी। एक जमाना था, जब फसलें खेत में सूखतीं थीं। प्रदेश में बिजली का कुल उत्पादन मात्र 2900 मेगावाट था। आज प्रदेश में 29 हजार मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है। सिंचाई क्षमता 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 47 लाख हेक्टेयर हो चुकी है, 65 लाख हेक्टेय़र से अधिक क्षेत्र को संचित करना हमारा लक्ष्य है। हम अपने संकल्प के अनुरूप हर खेत को पानी देंगे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को स्थाई कृषि पंप कनेक्शन देने के लिए मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना में हितग्राहियों से फार्म भरवाने के कार्य का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना में 3 एचपी या अधिक क्षमता के स्थाई पंप कनेक्शन के लिए 200 मीटर तक की दूरी की 11के.वी. लाइन के विस्तार, वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना और निम्न दाब लाइन केबल विस्तार कार्य शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान के सुख-दुःख की चिंता करना हमारा धर्म है। मैं शीघ्र ही पुनः किसानों से मिलने वाला हूँ, साथ ही किसानों और भी सौगातें देना है।
राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हरदा जिले के ग्राम जिनवानिया की नमिता रनवे और भैंरूदा सीहोर के प्रेमनारायण पंवार के आवेदन भरवाकर योजना में नामांकन की प्रक्रिया आरंभ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का क्रियान्वयन तत्काल आरंभ किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता के साथ-साथ हमारे प्राणदाता भी हैं। वे यदि खेतों में ना खपें तो हमारा जीवन दो-चार दिन भी नहीं चल पायेगा। किसानों की मेहनत, त्याग और तपस्या ने ही मध्य प्रदेश को कृषि क्षेत्र में देश में अव्वल बनाया है। हमारे शरबती गेहूं, चिन्नोर चावल को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है। प्रदेश में 2002-03 में खाद्यान्न उत्पादन 159 लाख मैट्रिक टन था, जो अब बढ़कर 619 लाख मैट्रिक टन हो गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण के साथ-साथ पर्याप्त बिजली और सिंचाई की व्यवस्था की है। हर किसान को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना हमारा संकल्प है। केन बेतवा लिंक परियोजना को स्वीकृति प्राप्त हो गई है, इससे प्रदेश में सिंचाई का रकबा और बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसान कल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। वर्षा से यदि कहीं नुकसान हुआ है तो किसान चिंता ना करें, उन्हें सर्वे करा कर सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
हर खेत को देंगे पानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जमाना था जब केवल तीन से चार घंटे बिजली मिलती थी। एक जमाना था, जब फसलें खेत में सूखतीं थीं। प्रदेश में बिजली का कुल उत्पादन मात्र 2900 मेगावाट था। आज प्रदेश में 29 हजार मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है। सिंचाई क्षमता 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 47 लाख हेक्टेयर हो चुकी है, 65 लाख हेक्टेय़र से अधिक क्षेत्र को संचित करना हमारा लक्ष्य है। हम अपने संकल्प के अनुरूप हर खेत को पानी देंगे।