भारतीय किसान यूनियन ने भी बढ़ाई सक्रियता
कंग्रेस, भाजपा पर दबाव डालने रैली, प्रदर्शन का सहारा
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर किसानों के मुद्दों पर भारतीय किसान यूनियन ने भी सक्रियता बढ़ा दी हैं। किसानों की मांग को लेकर किसान नेताओं को टिकट दिलाने के लिए मैदानी ताकत दिखाना यूनियन ने ष्शुरू किया है। इसके तहत भोपाल के अलावा उज्जैन में भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने रैलियां निकालकर एक तरह सेशक्ति प्रदर्शन तक कर डाला है।
मध्यप्रदेश में दो माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने अब मैदानी सक्रियता दिखानी तेज कर दी है। प्रदेश के हर संभाग में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। साथ ही किसानों के मुद्दों को लेकर राजधानी भोपाल के अलावा उज्जैन में रैली निकालकर प्रदर्शन तक किया गया है। किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन की प्रदेश इकाई द्वारा एक तरह से राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस पर अपने घोषणा पत्र में किसानों की मांगों को पूरा कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यूनियन द्वारा प्रदेश के हर संभाग में इस तरह की रैलियां आयोजित की जाएंगी और संगठन को मजबूत करते हुए राजनीतिक दलों पर इस बात का दबाव बनाया जाएगा कि किसानों की मांगों को वे पूरा करने के लिए वादा करें। राजधानी भोपाल के बाद उज्जैन में भारतीय किसान यूनियन द्वारा एक चिंतन शिविर भी आयोजित किया गया। इस शिविर में किसानों की अन्य मांगों के साथ किसान नेताओं ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में द्वारा प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत टैक्स लगाने के निर्णय की निंदा की । साथ ही किसानों को फसलों के लाभकारी मूल्य दिलाने एवं खाद- बीज के बढ़े हुए मूल्यों कम कराने के लिए सरकारी नीतियों में बदलाव के लिए आंदोलन के माध्यम से सरकार पर दबाव डालने की बात कही गई।
उज्जैन में हुए चिंतन शिविर के बाद अब राज्य के अन्य शहरों में प्याज पर निर्यात कर 40 फीसदी करने का विरोध शुरू हो गया है। सभी शहरों में किसान भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन करते हुए रैलियां निकालकर अपनी मांग को लेकर ज्ञापन सौंप रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि चुनाव के पहले तो सभी राजनीतिक दल किसानों के लिए घोषणा करते हैं, मगर उन घोषणाओं को पूरा नहीं किया जाता है। इसलिए इस बार हम उसी राजनीतिक दल का समर्थन करेंगे जो किसानों की मांग को पूरा करे और भारतीय किसान यूनियन के किसान नेताओं को टिकट में प्राथमिकता दे।