पेंशनरों महंगाई राहत में वृद्धि, पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों के भत्तों में बढ़ोत्तरी
कैबिनेट बैठक में लिए फैसले, नक्सली आत्मसमर्पण नीति को मिली मंजूरी
भोपाल। सरकार ने पेंशनरों को सौगात देते हुए महंगाई भत्ता चार फीसदी बढ़ाकर 42 फीसदी करने का फैसला लिया है। यह लाभ परिवार पेंशन सहायता पेंशन पाने वालों को भी मिलेगा। इसके अलावा पुलिस और अधिकारियों के भत्तों में भी बढ़ोतरी पर मुहर लग गई है। राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश नक्सली आत्म-समर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023 को भी मंजूरी दे दी है।
ये फैसले आज मंत्रिमंडल की हुई बैठक में लिए गए। मंत्रिमंडल की बैठक में पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों में वृद्धि के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। पुलिस थानों में पदस्थ आरक्षक से उपनिरीक्षक स्तर के कर्मचारियों को प्रत्येक माह शासकीय कार्य के लिए की गई यात्रा के लिए 15 लीटर पेट्रोल की कीमत की प्रतिपूर्ति, आरक्षक से निरीक्षक स्तर के अराजपत्रित कर्मचारियों के लिये पौष्टिक आहार भत्ते की राशि 650 रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 1 हजार रूपए प्रतिमाह, आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक को मिलने वाले किट क्लोदिंग भत्ता राशि क्रमशः प्रतिवर्ष 2,500 रूपए एवं 3 हजार रूपए से बढ़ाकर 5 हजार रूपए प्रतिमाह, सहायक उप निरीक्षक से निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को प्रत्येक 3 वर्ष में दिये जाने वाले वर्दी नवीनीकरण अनुदान की राशि पांच सौ रूपए से बढ़ाकर ढ़ाई हजार रूपए प्रति 3 वर्ष और कानून व्यवस्था में लगे पुलिस कर्मियों को मिलने वाले निःशुल्क भोजन की दरों को 70 रूपए प्रतिदिन से बढ़ाकर सौ रूपए प्रतिदिन की गई है। साथ ही मध्यप्रदेश विशेष सशस्त्र बल के कर्मचारियों को भी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।
पेंशनरों की महंगाई राहत में वृद्धि
राज्य शासन के पेंशनरों, परिवार पेंशनरों को 1 जुलाई, 2023 (भुगतान माह अगस्त, 2023 ) से देय मंहगाई राहत की दर में वृद्धि करने की स्वीकृति दी गई है। निर्णय अनुसार मंहगाई राहत की दर सातवें वेतनमान अंतर्गत 42 फीसदी और छठवें वेतनमान अंतर्गत 221 फीसदी की गई है। इस निर्णय से शासन पर अनुमानित 410 करोड़ रूपए का अतिरिक्त व्यय भार संभावित है।
नक्सली, आत्मसमर्पण, पुनर्वास नीति को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने आत्म-समर्पण करने वाले नक्सलियों को लाभकारी रोजगार और उद्यमशीलता के अवसरों को प्रदान करने के उद्देश्य से “मध्यप्रदेश नक्सली आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023“ स्वीकृत की गई है। मध्यप्रदेश नक्सली आत्म-समर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति राज्य में उत्पन्न वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य हिंसा का रास्ता त्यागकर स्वेच्छा से आत्म-समर्पण करने वालों को मुख्यधारा में शामिल करना है। नीति के अनुसार आत्म-समपर्णकर्ता को पुनर्वास हेतु गृह निर्माण के लिए 1 लाख 50 हजार रूपए हथियार समर्पण के लिये अनुग्रह राशि 10 हजार रूपए से 4 लाख 50 हजार रूपए तक, विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि 50 हजार रूपए, तात्कालिक आवश्यकता पूर्ति के लिये 5 लाख रूपए या घोषित पुरस्कार राशि जो भी अधिक हो, अचल सम्पत्ति क्रय के लिये 20 लाख रूपए, व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए 1 लाख 50 हजार रूपए दिए जाएंगे। साथ ही आयुष्मान भारत योजना और खाद्यान्न सहायता योजना का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
नक्सल हिंसा में प्रभावितों की सहायता के लिये नीति में प्रावधान किए गए है। जिसके अनुसार हिंसा से प्रभावित नागरिक की मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को 15 लाख रूपए, मृत सुरक्षा कर्मी के परिवार को 20 लाख रूपए और शारीरिक अक्षमता पर 4 लाख रूपए प्रदान किये जायेंगे। नक्सल हिंसा में नागरिक की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्य को तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति दी जाएगी। नक्सल हिंसा में अचल सम्पत्ति की पूर्णतः क्षति होने पर 1 लाख 50 हजार रूपये और आंशिक क्षति होने पर अधिकतम 50 हजार रूपए दिए जाएंगें। इसके साथ ही शासन की विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ पीड़ित परिवार को आयुष्मान भारत योजना और खाद्यान्न सहायता योजना का लाभ भी दिया जाएगा।
जिला और जनपद पंचायत सदस्यों के मानदेय में वृद्धि
जिला पंचायत सदस्यों एवं जनपद पंचायत सदस्यों के मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय चार हजार पांच सौ से बढ़ाकर 13 हजार पांच सौ रूपये और जनपद पंचायत सदस्यों का मानदेय 1हजार पांच सौ से बढ़ाकर 4 हजार पांच सौ रूपये करने का निर्णय लिया गया है। इससे 771 जिला पंचायत सदस्यों और 6145 जनपद पंचायत सदस्यों के मानदेय में वृद्धि होगी। मानदेय वृद्धि किये जाने पर अतिरिक्त वार्षिक वित्तीय भार 30 करोड़ 44 लाख 88 हजार रूपए आना संभावित है।