अस्तित्व बचाने गोंडवाना दूसरे दलों के साथ उतर सकती है मैदान में
जल्द होगा फैसला, मंडला में रणनीति बनाने बुलाया अधिवेशन
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में टूट-टूट कर बिखर चुकी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी इस बार अपने अस्तित्व को बचाने के लिए छोटे और राष्ट्रीय दलों के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। इस तैयारी को अंतिम रूप मंडला में 5 अगस्त से होने वाले दो दिवासीय राष्ट्रीय अधिवेशन में दिया जाएगा। अधिवेशन में पार्टी द्वारा इस बात पर मंथन किया जाएगा कि वह किन-किन दलों के साथ मिलकर किस रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी।
मध्यप्रदेश में बिखराव के चलते गोंडवाना गणतंत्र पार्टी इन दिनों अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। 2003 में पार्टी के जीते तीन विधायकों के बाद उसे लगातार विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर पार्टी ने इस बार विधानसभा चुनाव में जीत के लिए मैदान में उतरने की तैयारी की है। इसके लिए गोंगपा इस बार दूसरे दलों के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतर सकती है। बताया जा रहा है कि इन दलों में कुछ राष्ट्रीय दल भी है, जो इस बार प्रदेश में अपनी जमीन तलाश रहे हैं। संभावना यह जताई जा रही है कि इन दलों के साथ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का तालमेल हो सकता है। इसके लिए लगातार बैठकों का दौर भी जारी है। सूत्रों की माने तो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी इस बार ओबीसी, एससी, एसटी वर्ग के लिए राजनीति कर रहे दलों से अपना हाथ मिलाएगी। इनके अलावा आम आदमी पार्टी और बीआरएस जैसे दल भी इनके साथ हो सकते हैं। इन सब रणनीति को लेकर गोंगपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के बीच चर्चा जारी है।
मंडला में बुलाया अधिवेशन
गोंगपा ने मंडला में दो दिवसीय अधिवेशन 5 एवं 6 अगस्त को बुलाया है। इस अधिवेशन में संगठन को मजबूत करने के फैसले लिए जाएंगे। चुनाव के लिए समितियां बनाई जाएगी। मगर पूरा फोकस विधानसभा चुनाव को लेकर होगा, जिसके तहत पदाधिकारियों के साथ बैठकर यह फैसला किया जाएगा कि किस अंचल में कितनी सीटों पर फोकस किया जाए। सूत्रों की माने तो अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य इस बार पूरी एकता के साथ चुनाव मैदान में उतरने की रणनीति का है। अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर मरकाम, राष्ट्रीय महासचिव श्याम मरकाम, राष्ट्रीय महासचिव बलवीर सिंह तोमर इस रणनीति पर काम करेंगे और पदाधिकारियों को अलग-अलग जिलों में जिम्मेदारी सौंपेगे।
विधानसभा खाता खोलने की रणनीति
2003 के बाद से जीत के लिए जूझ रही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने इस बार विधानसभा चुनाव में गोंगपा के विधायक की जीत के लिए रणनीति पर मैदानी काम करना शुरू किया है। आदिवासी अंचलों में उनकी लगातार बैठकें जारी है। अब अपने प्रभाव वाली सीटों पर किस तरह की रणनीति तय की जाए और जिताउ प्रत्याशी कौन हो इस सब पर मंडला में होने वाले अधिवेशन में मंथन किया जाएगा। महाकौशल के अलावा पार्टी का पूरा फोकस इस बार मालवा-निमाड़ पर भी है।