मध्यप्रदेश: कांग्रेस बना रही ‘नर्मदा सेना’, शिवराज सिंह को भी सदस्य बनने का ऑफर
भोपाल. कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने ऐलान किया है कि कांग्रेस नर्मदा सेवा सेना बनाएगी। यह सेना नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए काम करेगी। कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस नर्मदा के संरक्षण के लिए नर्मदा सेवा सेना बनाएगी। नर्मदा नदी 28 क्षेत्रों से होकर गुजरती है, उन क्षेत्रों में सदस्य बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सदस्य बन सकते हैं। मुझे एतराज नहीं है, अगर वह मान जाएं कि नर्मदा में रेत का धंधा बंद हो जाएगा तो मैं शिवराज को भी इसका सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करता हूं।
किसानों की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कमलनाथ ने कहा कि राज्य में लगातार किसानों की हालत खराब हो रही है। उन पर कर्ज बढ़ रहा है। प्रदेश का किसान कमजोर हो रहा है और यह स्थिति चिंताजनक है, इसीलिए कर्ज माफी की नीति बनाई थी और पहले चरण में 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था। मगर, बीजेपी कहती है कि ब्याज माफ करेंगे तो सवाल उठता है कर्ज का क्या होगा।
उन्होंने कहा कि किसान जब आवाज उठाता है तो उसे सजा होती है, जेल भेजा जाता है। कांग्रेस सरकार आएगी तो किसान न्याय योजना लाएंगे। इससे किसानों का कर्ज माफ होगा और खेती की लागत को कम करने के लिए पांच हॉर्स पावर के पंप को नि:शुल्क बिजली दी जाएगी। पुराने बिजली बिल माफ होंगे, खेती की लागत को कम करने के पक्ष कदम उठाए जाएंगे। राज्य में चुनाव से पहले प्रदेश सरकार की घोषणाओं पर कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को 18 साल बाद संविदा कर्मी बहना याद आ रहे हैं। इस बात की समीक्षा का समय है कि उन्होंने पांच साल में कितनी ही घोषणाएं की और उस पर कितना अमल किया, बाकी सालों का हिसाब तो बाद में दें। 100 यूनिट बिजली माफ, 200 यूनिट हाफ, खेत किसानों का बिल माफ, किसानों का पुराना बिल माफ और आगे मुफ्त बिजली का रास्ता साफ। नारा है कांग्रेस का।
राज्य में चल रही योजनाओं पर तंज सकते हुए कमलनाथ ने कहा कि ठेका इसलिए दिए जा रहे हैं क्योंकि 25 परसेंट पहले कमीशन मिलेगा, ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार है, यहां पर भ्रष्टाचार व्यवस्था बन चुका है इसलिए निवेश नहीं आ रहा है। निवेश की मांग नहीं कर सकते बल्कि उसे आकर्षित करना पड़ता है और यह विश्वास पर होता है। इन्वेस्टमेंट समिट करके बताते हैं कि 30.50 लाख करोड़ का निवेश आ रहा है। मगर आया कितने का। वास्तव में पांच प्रतिशत तक का भी निवेश नहीं आया।