मैं जातिगत जनगणना का पक्षधर, भाजपा नहीं चाहती गणना हो
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ओबीसी मोर्चा के सम्मेलन में कहा कमलनाथ ने
भोपाल। विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों द्वारा वर्ग और समाजों का साधने का काम किया जा रहा है। इसके चलते आज राजधानी में पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा का सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार फिर जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछड़े वर्ग की आबादी 55 फीसदी है, मैं जातिगत जनगणना का पक्षधर हूं। भाजपा इसलिए यह गणना नहीं करना चाहती कि उसकी पोल खुल जाएगी।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस सरकार आने पर जातिगत जनगणना कराई जाएगी, ताकि जानकारी मिल सके, चाहे वे ब्राह्मण हों, राजपूत हों, लोधी हों, कुर्मी हों, सभी को पता चले कि हमारे समाज के गरीब लोगों को कौन सी परेशानी है। उन्होंने कहा कि आज बेरोज़गारी सबके सामने है. आर्थिक गतिविधि बढ़ाना मुख्य मक़सद होना चाहिए. मैं कहता था जीडीपी छोड़िये मैंने मनमोहन सिंह जी को बोला इसका इंडेक्स बताइए। हमने किसानों का क़र्ज़ माफ़ किया। हमारे कार्यकाल में किसी को बीज खाद के लिए भटकना नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि ये चुनाव मध्यप्रदेश के भविष्य का है। आप लोग प्रदेश की तस्वीर देखते हुए सच्चाई का साथ दें। ऐसा चुनाव फिर कभी नहीं होगा. मणिपुर में आज क्या हो रहा है। मणिपुर को आपको गंभीरता से समझना होगा. कैसे आदिवासी और गैर आदिवासियों को लड़ाया का रहा है। आउटसोर्स को उन्होंने फैशन बना दिया है। सब जगह आउटसोर्स नहीं होना चाहिए. कुछ नियम तो बना देते लेकिन अब सब याद आ रहा है।
115 सीटों पर मांगे टिकट
सम्मेलन में ओबीसी संगठनों ने कमलनाथ को ज्ञापन देकर विधानसभा चुनाव के लिए 115 सीटों पर टिकट देने की मांग रखी। बताया गया कि अब 10 सितंबर को भोपाल में ओबीसी महापंचायत होगी। सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी पहुंचना था, मगर वे नहीं पहुंचे, बल्कि उन्होंने अपना संदेश भेजा था, जिसे पढ़कर सुनाया गया।
भोपाल। विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों द्वारा वर्ग और समाजों का साधने का काम किया जा रहा है। इसके चलते आज राजधानी में पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा का सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार फिर जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछड़े वर्ग की आबादी 55 फीसदी है, मैं जातिगत जनगणना का पक्षधर हूं। भाजपा इसलिए यह गणना नहीं करना चाहती कि उसकी पोल खुल जाएगी।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस सरकार आने पर जातिगत जनगणना कराई जाएगी, ताकि जानकारी मिल सके, चाहे वे ब्राह्मण हों, राजपूत हों, लोधी हों, कुर्मी हों, सभी को पता चले कि हमारे समाज के गरीब लोगों को कौन सी परेशानी है। उन्होंने कहा कि आज बेरोज़गारी सबके सामने है. आर्थिक गतिविधि बढ़ाना मुख्य मक़सद होना चाहिए. मैं कहता था जीडीपी छोड़िये मैंने मनमोहन सिंह जी को बोला इसका इंडेक्स बताइए। हमने किसानों का क़र्ज़ माफ़ किया। हमारे कार्यकाल में किसी को बीज खाद के लिए भटकना नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि ये चुनाव मध्यप्रदेश के भविष्य का है। आप लोग प्रदेश की तस्वीर देखते हुए सच्चाई का साथ दें। ऐसा चुनाव फिर कभी नहीं होगा. मणिपुर में आज क्या हो रहा है। मणिपुर को आपको गंभीरता से समझना होगा. कैसे आदिवासी और गैर आदिवासियों को लड़ाया का रहा है। आउटसोर्स को उन्होंने फैशन बना दिया है। सब जगह आउटसोर्स नहीं होना चाहिए. कुछ नियम तो बना देते लेकिन अब सब याद आ रहा है।
115 सीटों पर मांगे टिकट
सम्मेलन में ओबीसी संगठनों ने कमलनाथ को ज्ञापन देकर विधानसभा चुनाव के लिए 115 सीटों पर टिकट देने की मांग रखी। बताया गया कि अब 10 सितंबर को भोपाल में ओबीसी महापंचायत होगी। सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी पहुंचना था, मगर वे नहीं पहुंचे, बल्कि उन्होंने अपना संदेश भेजा था, जिसे पढ़कर सुनाया गया।