केला उत्पादक किसानों उपलब्ध कराई आर्थिक राहत
मुख्यमंत्री ने अंतरित किए 41 करोड़
भोपाल। प्रदेश सरकार ने राज्य के केला उत्पादकों को फसल खराब होने पर आज आर्थिक राहत प्रदान की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज 4261 किसान को 41 करोड़ 85 लाख रूपये की फसल क्षतिपूर्ति राशि सिंगल क्लिक से अंतरित की है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के खातों में राशि अंतरिक करने के बाद बताया कि प्रभावित फसलों का रकबा 3690 हेक्टेयर था। इसमें से प्रभावित केला फसल का क्षेत्र 3470 हेक्टेयर एवं अन्य फसल का क्षेत्र 219 हेक्टेयर है। केला फसल उत्पादक 3960 किसान है और अन्य फसलों के उत्पादक किसान 301 है। उन्होंने कहा कि केले के फसल की क्षति प्रतिपूर्ति की दर दोगुनी कर दी गई है। इस महत्वूर्ण संशोधन के अनुसार अब किसान को केले की फसलों की 25 से 33 प्रतिशत क्षति होने पर राहत राशि 15 हजार से बढ़ा कर 30 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर दी जाएगी। इसी तरह 33 से 50 प्रतिशत क्षति होने पर 27 हजार से बढ़ा कर 54 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से राहत राशि दी जाएगी। यदि 50 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई है तो मिलने वाली राहत राशि एक लाख के स्थान पर 2 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर होगी।
किसानों के कल्याण के लिए बदले मापदंड
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए सरकार ने कई मापदंड बदले हैं। राजस्व पुस्तक परिपत्र में समय-समय पर ऐसे परिवर्तन किए गए हैं, जिससे किसानों को लाभ मिला है।अब किसानों को फसलों और मकानों की क्षति और मवेशियों की जान जाने पर अधिक राहत राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने फसल क्षति पर नई श्रेणी भी बनाई है। अब जिन किसानों को 25 प्रतिशत से 33 प्रतिशत फसल हानि होती है, उन्हें भी राहत राशि प्राप्त होगी। दूसरी श्रेणी 33 से 50 प्रतिशत क्षति की है। इन्हें भी बढ़ी हुई दर से राहत राशि दी जा रही है। इसके अलावा 50 प्रतिशत से अधिक क्षति को पूर्ण हानि मानते हुए राहत राशि देने का प्रावधान किया गया है। अनेक प्रांतों में 25 से 33 प्रतिशत नुकसान की श्रेणी नहीं है। राज्य सरकार ने सभी श्रेणियों में राहत राशि को दोगुना किया है।
उद्यानिकी फसलों के बीमा की व्यवस्था करने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने उद्यानिकी फसलों के लिए भी बीमा व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिन-रात परिश्रम करने वाले किसानों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा हो, उससे उत्पन्न दर्द का अंदाज किसान ही लगा सकते हैं। बुरहानपुर जिले में पहले भी फसलें नष्ट हुई थीं तो तत्कालीन सांसद स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान ने किसानों की समस्या रखी थी।
इंदौर में बनेगा अहिल्या देवी का स्मारक
मुख्यमंत्री ने पाल समाज के समागम को संबोधित करते हुए प्रदेश में माँ अहिल्या बोर्ड बनाने, इंदौर में स्मारक बनाने, महेश्वर में माँ अहिल्यादेवी लोक के निर्माण और देवी अहिल्या की जयंती पर ऐच्छिक अवकाश की घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्मारक का निर्माण लिए 3 एकड़ भूमि दी गई है। प्रदेश में माँ अहिल्या देवी कल्याण बोर्ड बनेगा, जिसमें पाल, धनगर, गडरिया और समाज की भारूल, श्रीपाल, गडेरी उपशाखाएँ भी शामिल होंगी। बोर्ड के अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा दिया जाएगा।d