समान नागरिक संहिता का मायावती ने किया समर्थन, लेकिन साथ देने के लिए रखीं शर्तें
लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूनिफार्म सिविल कोड का समर्थन करते हुए कहा कि इससे देश मजबूत होगा और आपसी भाईचारा बढ़ेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता के खिलाफ नहीं है, लेकिन बीजेपी के इसके लागू करने के तौर तरीकों से सहमत नहीं है.
मायावती ने कहा कि भारत में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते है. अपने तौर-तरीके और रस्मों रिवाज हैं, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन दूसरी ओर देखा जाए तो अगर देश में UCC लागू होता है तो देश मजबूत होगा. साथ ही लोगों में भाईचारा भी पैदा होगा. हमारी पार्टी इसके विरुद्ध नहीं है, लेकिन भाजपा के इसको लागू करने के तरीको से सहमत नहीं है.
उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 44 में UCC लागू करने के लिए तो वर्णन है, लेकिन थोपने के लिए नहीं. इसके लिए जागरूकता और आम सहमति बनाना ही श्रेष्ठ होगा. मायावती ने कहा कि UCC के मुद्दे पर राजनीति ठीक नहीं. अगर बीजेपी इसे सही तरीके से लाती है तो हम साथ है, नहीं तो हम इसका विरोध करेंगे. मायावती ने कहा कि इसे लागू करने में बीजेपी की संकीर्ण राजनीति देखने को ज्यादा मिल रही है. मायावती ने कहा कि इसमें धार्मिक पक्षपात नहीं होने चाहिए.
मायावती ने आगे बोलते हुए कहा कि इस समय यूनिफार्म सिविल कोड से ज्यादा सरकार को महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी जरूरतों के आधार से देशवासियों का दर्द बांटने में संसाधन और ऊर्जा लगाई जानी चाहिए.