धर्म के नाम पर समाज को बांटने की हो रही कोशिश, हमें एकजुट होने की जरूरतः पं. प्रदीप मिश्रा
भोपाल (Bhopal)। कुबेरेश्वर धाम (Kubereshwar Dham) के कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा (narrator Pt. Pradeep Mishra) ने कहा कि आज के समय में धर्म के नाम पर समाज को बांटने का प्रयास (Attempt divide society name of religion) किया जा रहा है। तरह-तरह से लोग इसे बांटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मच्छर काटता है, तो केवल खून पीता है, मगर इंसान जब काटता है, तो बांट देता है। वह समाज को काटता है। नगर को काटता है। सनातन धर्म (eternal religion) को विभाजित करने का प्रयास करता है। धर्म, समाज, जाति, कुल, नाते रिश्ते, कुटुंब के नाम पर हमें बांटा जा रहा है। हमें सनातन धर्म को जोड़ने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता (need to unite) है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने यह बात भोपाल में शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन रविवार को श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। कथा सुनने के लिए रविवार को भी भीषण गर्मी के बावजूद लाखों श्रद्धालु पहुंचे। सुबह 10 बजे से ही कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने लगी थी। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौजूद रहे। दोपहर 2030 बजे के बाद कथा शुरू हुई। कथा की शुरुआत ऊं नमः शिवाय के जाप के साथ हुई। पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि भारत अब विश्व गुरू बनेगा और स्वामी विवेकानंद की यह भविष्यवाणी सार्थक होगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 21वीं सदीं में हिन्दुस्तान भगवामय होगा।
उन्होंने शिव महापुराण में प्रवचन देते हुए कहा कि इस सृष्टि पर सिर्फ सबसे पहले देवाधिदेव महादेव थे और उनका शिवलिंग था। उसके पहले सबके अलग-अलग भगवान भी नहीं थे। आज के समय में लोगों ने भगवान को भी अलग-अलग रूप में बांट लिया है। आप अगर थोड़े दिन भगवान शंकर के मंदिर जाएंगे, तो कोई विद्वान आपको रोक लेगा, वह कहेगा शंकर के चढ़ाए हुए जल को नहीं पीना। उनकी चढ़ी हुई बेल पत्री को नहीं खाना। इस तरह आपको ज्ञान देगा और आपको बांटने का प्रयास करेगा। तब आपको कहना है कि आप भगवान महादेव की शरण में है और अपने ईस्ट को याद करते हुए पूजन अर्चन में आगे बढ़ते रहिए।
कर्ज मत लो, मांगना है तो भोलेनाथ से मांगो
पं. प्रदीप मिश्रा ने भगवान शिव की महिमा बताते हुए कहा कि दुनिया के बैंक आपको कर्ज देने के लिए बैठे हैं। आपको बैंक लोन, प्लॉट लोन और हाउस लोन दे देंगे। याद रखिए कि यह लोन आपको चुकाना होगा। मगर, शिव महापुराण की कथा कहती है कि दुनिया से मांगने के बजाय भोलेनाथ से मांगों, क्योंकि यहां आपको कुछ नहीं चुकाना नहीं पड़ेगा। यहां वापसी में आपको सिर्फ भजन करना है।
ऐसा कोई मकान नहीं होता, जिसमें खिड़की न हो
उन्होंने कहा कि बिना खिड़की का कोई मकान नहीं होता। ऐसा कोई घर नहीं, जिसमें खिड़की न हो। भले ही छोटी सी हो, मगर खिड़की होती जरूर है। अब वह चाहे वॉशरूम में हो या रसोई घर में हो, मगर होती जरूर है। इसी तरह, ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होता, जिसमें अच्छाई नहीं हो। चोर खिड़की को देख लेता है। खिड़की में से प्रवेश करके सामान चुरा लेता है। इसी तरह, अच्छा आदमी दूसरे व्यक्ति के अंदर अच्छाई देखकर उसे अपना बनाने का प्रयास करता है।
बच्चों को दें अच्छे संस्कार
पं. प्रदीप मिश्रा ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे बच्चों को अच्छे संस्कार दें, क्योंकि जिस बच्चे मंदिर की सीढ़ी चढ़ जाते हैं, उस घर के बुजुर्ग वृद्धाश्रम नहीं जाते। बच्चों को जल का लोटा पकड़ाइएं, कोल्ड ड्रिंक की बॉटल नहीं। बच्चों को लैपटॉप के साथ एक लोटा जल भी दें। उन्हें मंदिरों में जाना सिखाइए। संस्कार न तो मैं और न ही कोई और देगा, बल्कि माता-पिता ही देंगे। घर में बनाओगे अनुशासन, तो पैदा नहीं होगा दुशासन…।
महामृत्युंजय के पाठ पर पं. मिश्रा ने कहा कि महामृत्युंजय का पाठ पलंग पर पड़े-पड़े ही नहीं करें। हर रोज थोड़ा-थोड़ा करके पढ़ें, तो पलंग पर पड़े रहने की नौबत ही नहीं आएगी। पं. मिश्रा ने कई ऐसे प्रसंग सुनाए, जिन्हें सुनकर श्रद्धालु झूम उठे।
सभी धार्मिक अनुष्ठानों के रिकॉर्ड टूटे: विश्वास सारंग
कथा की शुरुआत में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि भोपाल के जितने भी धार्मिक अनुष्ठान हुए हैं, उन सभी का रिकॉर्ड टूट रहा है। कथा के अगले दिन ही 24 घंटे के अंदर पहले दिन का भी रिकॉर्ड टूट गया है। जिस तरह से यहां भीड़ आई है, इसने पहले दिन का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने कहा कि हमने पूरे इंतजाम किए हैं। अगर कोई कमी होती है, तो उसका जिम्मेदार सिर्फ में हूं। भीड़ को देखते हुए 55 एकड़ में पंडाल व्यवस्था की गई है। तीन बड़े वॉटरप्रूफ डोम बनाए गए हैं। कथा में शामिल होने के लिए रूटवार प्लान भी तैयार किया गया है, ताकि श्रद्धालु किस गेट से पंडाल में पहुंचे और कहां गाड़ी पार्क करें।