जन सेवा अभियान बना सुशासन का मंत्र : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 10 मई से प्रारंभ हुए मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान में प्रदेश स्तर पर 96.6 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण उल्लेखनीय उपलब्धि है। आमजन के विभिन्न लंबित कार्यों को 15 जुलाई तक पूर्ण किया जाए। यह अभियान सुशासन के मंत्र के रूप में संचालित किया गया था। प्रशासनिक अमले के साथ ही जिलों के प्रभारी मंत्री भी निरंतर जन-समस्याओं के निराकरण की समीक्षा करते रहें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अभियान में श्रेष्ठ कार्य करते हुए सर्वाधिक आवेदनों का निराकरण करने वाले 5 जिले रतलाम, देवास, शाजापुर, खरगोन और इंदौर के प्रशासनिक अमले और जन-प्रतिनिधियों को बधाई भी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शेष जिलों को भी अभियान के सुचारू संचालन के लिए बधाई देते हुए आम जनता के छोटे-छोटे कार्यों को नियमित रूप से समय-सीमा में पूर्ण करने और सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का भी त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज मंत्रालय में 10 मई से प्रारंभ हुए मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान 2.0 में प्रकरणों के निराकरण की जानकारी प्राप्त कर समीक्षा कर रहे थे। मंत्रि-परिषद के सदस्य, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नागरिकों की विभिन्न समस्याओं को सदैव गंभीरता से लेना है। लोगों को न्याय मिले, इसके लिए समस्याओं के निराकरण की प्रक्रिया निरंतर चलती रहे। अभियान के परिणाम अच्छे हैं, लेकिन सही अर्थ में सफलता तब मानी जाएगी, जब कोई भी कार्य लंबित न रहें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सुशासन का मूल यही है कि बिना परेशानी के आम जनता का कार्य हो। चाहे जाति प्रमाण-पत्र देने का कार्य हो सीमांकन के मामले हों या भवन अनुज्ञा जैसे कार्य हों, इन्हें समय-सीमा में किया जाना आवश्यक है।
नागरिकों से फोन पर चर्चा से मिले सार्थक परिणाम
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जानकारी दी कि उन्होंने मुरैना, श्योपुर आदि जिलों के नागरिकों से दो दिन पूर्व दूरभाष द्वारा चर्चा कर उनकी समस्याओं की जानकारी ली थी। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा नागरिकों की समस्याओं को तत्परता से हल किया गया। नागरिकों ने बिजली और पानी की आपूर्ति के साथ ही सी.सी. रोड के निर्माण और योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित जो समस्याएँ बताई थी, वे तत्काल हल की गई। मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के साथ ही इस तरह आकस्मिक तौर पर जनता की तकलीफों की जानकारी लेकर उनके निराकरण में सहयोगी बना जा सकता है।
01 जून से करें लाड़ली बहना योजना के स्वीकृति-पत्रों का वितरण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में एक करोड़ 25 लाख से अधिक बहनों का पंजीयन हो चुका है। पात्र बहनों को 01 जून से जिलों में स्वीकृति-पत्रों का वितरण समारोहपूर्वक करें। एक सप्ताह की अवधि तक यह कार्य निरंतर चलेगा। प्रभारी मंत्री भी उपस्थित रहें, अन्यत्र व्यस्तता की स्थिति में वर्चुअली जुड़ सकते हैं। शहरी क्षेत्रों में वार्डों में नगरीय विकास एवं आवास विभाग और ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इस कार्य के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ सहयोग करें। इस कार्य में दीनदयाल समितियों के सदस्य, जनअभियान परिषद के सदस्य, जन-प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि का सहयोग लिया जाए। ग्रामीण क्षेत्र में 08 जून को लाड़ली बहना ग्राम सभाएँ भी की जाये। बहनों की जिन्दगी बदलने वाली इस योजना के प्रति प्रसन्नता और आनंद की अनुभूति देखी गई है। इसकी अभिव्यक्ति घरों में दीपक जला कर की जाए। बहनों के खाते में प्रायोगिक तौर पर एक रूपए की राशि अंतरित कर खातों के लिंक हो जाने संबंधी पुष्टि करने का कार्य भी पूर्ण किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। सोशल मीडिया द्वारा फोटो अपलोड करने जैसी प्रेरित और प्रोत्साहित करने वाली गतिविधियाँ भी की जा सकती हैं।
राजस्व और सहकारिता के 99 प्रतिशत आवेदनों को मिली मंजूरी
बताया गया कि प्रदेश में 10 मई से संचालित जन सेवा अभियान 2.0 में आम जनता की 96.6 प्रतिशत आवेदनों का निराकरण हुआ है। अभियान में 30 मई तक कुल 37 हजार 556 शिविर लगे। इनमें नागरिकों को 70 सेवाएँ दी गई। कुल 62 लाख 50 हजार 443 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 60 लाख 40 हजार 629 निराकृत किए गए। अभियान में निराकरण की यह स्थिति संतोषजनक और उपलब्धिपूर्ण है। इसी तरह सीएम हेल्पलाइन में दर्ज एक लाख 12 हजार 462 समस्याएँ हल की गई हैं। सीहोर, दतिया, रतलाम, विदिशा और नीमच समस्या निराकरण में अग्रणी रहे। अभियान में सबसे अधिक 29 प्रतिशत सहकारिता विभाग से संबंधित आवेदन पत्र प्राप्त हुए। अधिकांश किसान क्रेडिट कार्ड से संबंधित आवेदन थे। इस श्रेणी के 18 लाख 7 हजार 879 आवेदनों में से 18 लाख 03 हजार 827 आवेदन स्वीकृत किए गए, जो 99.8 प्रशित है। इसी तरह चालू खसरा और खतौनी की प्रति के 13 लाख 60 हजार 329 आवेदन पत्रों में से 13 लाख 58 हजार 674 आवेदन स्वीकृत किए गए। इसका प्रतिशत 99.9 है। इसी तरह अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के आवेदकों को प्रमाण-पत्र देने के कार्य में 87.5 प्रतिशत निराकरण किया गया है। नोड्यूज प्रमाण-पत्र भी 99 प्रतिशत लोगों को प्राप्त हो गए। अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री विनोद कुमार ने अभियान पर केन्द्रित प्रस्तुतिकरण दिया।