कूनो में 6 चीतों की मौत के बाद सरकार का फैसला, गांधी सागर और नौरादेही में किए जाएंगे शिफ्ट
भोपाल. कूनो नेशनल पार्क में 6 चीतों की मौत के बाद अब सरकार अलर्ट हो गई है. इसके तहत चीतों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी तेज हो गई है. चीतों को आगामी नवंबर महीने के पहले मंदसौर के गांधी सागर अभ्यारण में बसाने की कोशिश की जाएगी. इसके अलावा कुछ चीतों को नौरादेही अभ्यारण में छोड़ा जाएगा.
भोपाल में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और प्राधिकरण के सदस्यों के बीच चीतों की शिफ्टिंग को लेकर चर्चा हुई. केंद्रीय वन मंत्रालय के डीजी और सचिव सी पी गोयल ने कहा कि चीतों की शिफ्टिंग की प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाएगा. इन्हें नवंबर से पहले गांधी सागर अभ्यारण में छोड़ने की तैयारी की जा रही है. इसे लेकर काम तेजी से शुरू हो गया है. उन्होंने कूनो पालपुर में अब तक हुई चीतों की मौत को स्वाभाविक बताया है.
पहले चीतों की लगातार हो रही मौत पर विशेषज्ञों ने राजस्थान के मुकुंदरा में भी इन्हें शिफ्ट करने की बात कही थी. हालांकि एनटीसीए की बैठक के बाद केंद्रीय वन मंत्रालय के डीजी ने कहा कि मध्यप्रदेश में चीतों का रखरखाव संतोषजनक है. एमपी में चीतों की मौत पर घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि कूनो पालपुर में चीतों के रखरखाव के लिए तैनात कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी और उन्हें खास ट्रेनिंग दी जाएगी. चीतों की कैपेसिटी 5 साल में सेटल हो जाएगी. अभी कूनो पालपुर में 21 चीता के अलावा बफर जोन मिलाकर 36 चीतों को रखा जा सकता है, लेकिन जल्द ही चीतों की शिफ्टिंग शुरू की जाएगी.
भोपाल में हुई एनटीसीए की बैठक में वन्य प्राणियों के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा और उपकरणों पर भी मंथन हुआ. अभी तक सभी तरह की दवा और उपकरण अमेरिका और दूसरे देशों से खरीदे जाते रहे हैं, लेकिन अब भारत में वन्य प्राणियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा और उपकरण के निर्माण को भी बढ़ावा दिया जाएगा. जिससे भारत समेत पड़ोसी देशों में भी वन्य प्राणियों की दवा और उपकरण की कमी को पूरा किया जा सके.