लैंड फॉर जॉब्स स्कैम: बिहार-दिल्ली में सीबीआई की छापेमारी, एमएलए सहित इन आरजेडी नेताओं से जुड़े हैं घोटाले के तार
नई दिल्ली. पटना सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) ने मंगलवार को बिहार की राजधानी पटना और आरा में छापेमारी की है. राष्ट्रीय जनता दल की एमएलए किरन देवी और पूर्व विधायक अरूण यादव का लैंड फॉर जॉब्स स्कैम से नाम जुडऩे के बाद यह छापेमारी की गई है. इसके अलावा सीबीआई ने राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता के नोएडा आवास पर छापा मारा है. इसके अलावा दिल्ली और गुडग़ांव के ठिकानों पर भी सीबीआई ने रेड डाली है.
सीबीआई ने फाइल की है चार्जशीट
लैंड फॉर जॉब्स घोटाले को लेकर सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है. सीबीआई ने नियमों को ताक पर रखकर सेंट्रल रेलवे में नौकरी दिलाने वाले इस स्कैम को लेकर जांच की है. इस स्कैम के लिए रेलवे की भर्ती प्रक्रिया को शिथिल बना दिया गया था और गैर कानूनी तरीके से नौकरियां दी गईं. इस जांच कार्रवाई की वजह कैंडिडेट्स के रिलेटिव्स और परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की गई है. तब रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव के पारिवारिक लोगों से भी पूछताछ की गई है. रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे की जमीन को एक चौथाई रेट पर बेच दिया गया.
जांच एजेंसी ने किया यह दावा
जांच एजेंसी ने अपनी इंवेस्टिगेशन के दौरान पाया किया 2007-08 में जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे तो महुआबाग, पटना, कंजवा पटना में लैंड पार्सल पर कब्जा किया था. यह लैंड पार्सल जमीन अब लालू प्रसाद यादव के पारिवारवालों के नाम है. इस आपराधिक षणयंत्र में लालू प्रसाद यादव की वाइफ राबड़ी देवी, बेटी मीशा भारती, सेंट्रल रेलवे के अधिकारी सौम्या राघवन से भी पूछताछ हुई है. इसके अलावा महजाबाग गांव, बिंदौल बिहटा और पटना सिटी के रहने वाले राजकुमार सिंह, मिथिलेश कुमार, अजय कुमार, संजय कुमार, धर्मेंद्र कुमार, विकास कुमार, अभिषेक कुमार, रविंद्र रे, किरन देवी, अखिलेश्वर सिंह और रामाशीष सिंह से भी पूछताछ की गई.
नौकरी के बाद जमीनें लालू के लोगों को ट्रांसफर हुईं
सीबीआई के अनुसार कैंडिडेट्स को नौकरी का अप्वाइंटमेंट मिलने के बाद उनके नाम की जमीनों को लालू प्रसाद यादव के फैमिली मेंबर्स के नाम ट्रांसफर की गई. जिसमें राबड़ी देवी और मीशा भारती के नाम भी जमीनें ट्रांसफर हुईं. सीबीआई ने इस मामले में पिछले साल अक्टूबर में चार्जशीट दाखिल की थी. इस चार्जशीट में पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती सहित 13 अन्य लोगों का नाम शामिल है. यह स्कैम 2004 से 2009 के बीच किया गया. इस चार्जशीट में उस वक्त के रेलवे जनरल मैनेजर का नाम भी शामिल है.