जिनका खेती से वास्ता नहीं, वो क्या जाने किसानों की बात
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर हमला
भोपाल। किसानों की आय दोगुनी होने के बयान पर प्रदेश में सियासत गर्मा गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा दिए बयान के बाद हमला बोला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनका खेती से कोई वास्ता नहीं, वे किसानों की बात को कैसे जान सकते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता किसानी के नाम पर हाय-हाय ही करेंगे। उन्होंने कहा कि वे अकेले रीवा का उदाहरण दे रहे हैं, जहां गेहूं का उत्पादन साढ़े 4 गुना हो गया है, जाकर देख ले। धान का उत्पादन साढ़े 5 गुना हो गया है। सरसों का उत्पादन 35 गुना हो गया है। मूंग का उत्पादन 7 गुना हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहते हैं कि कांग्रेस, राजा, नवाब सब ने मिलकर साढ़े सात लाख हेक्टेयर में सिंचाई की और यह उन्होंने पचास वर्ष के शासन में किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सिंचाई का रकबा बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय बिजली का उत्पादन 2900 मेगावाट था, हमने 28 हजार मेगावाट पहुंचा दिया है। चौहान ने कहा कि विकास के नए प्रतिमान मध्यप्रदेश गढ़ रहा है। इंदौर देख लीजिए कांग्रेस के जमाने में क्या था और आज क्या है, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर और शहडोल को भी देख लीजिए कांग्रेस के समय क्या था और अब वहां कितना विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि विकास तो भाजपा की सरकार में होता है।
किसानों की आय नहीं, हाय दोगुनी हुई : कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि शिवराज जी जनता आप को पहले से ही झूठ की मशीन कहती है, लेकिन अब तो आपने प्रधानमंत्री को भी अपने झूठ में शामिल कर लिया। आपने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों की आय दोगुनी हो गई है। ’मैं आपको बताता हूं कि मध्यप्रदेश में किसानों की आय नहीं, हाय दोगुनी हो गई है। और किसानों की यह हाय आपको ऐसी लगेगी कि सत्ता आपको बाय कहने वाली है।’ आपने किसानों की कर्ज माफी बंद कर दी। आपने किसानों को एमएससी पर मिलने वाला बोनस बंद कर दिया। आपने 34 लाख किसानों को डिफाल्टर बना दिया। आपने किसानों की बिजली महंगी कर दी। आपने किसानों को ओलावृष्टि का मुआवजा नहीं दिया। मध्य प्रदेश के किसानों की आमदनी पहले की तुलना में कम हो गई है।