बारहवीं में हिन्दी विषय नहीं होने से प्रवेश निरस्त
नर्सिंग कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया विवादों में कई अभ्यर्थी हुए परेशान
भोपाल। प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया एक बार फिर विवादों में आ गई है। कॉलेजों में प्रवेश देने के बाद कई विद्यार्थियों का प्रवेश निरस्त कर दिया गया है। वजह यह है कि इन छात्रों ने सीबीएसई में 12वीं में हिंदी विषय नहीं था। अब अभ्यर्थी परेशान है। वहीं इस प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नर्सिंग काउंसिल 2024 के तहत करीब 100 से ज्यादा एडमिशन रद्द कर दिए हैं। यह भी सिर्फ सरकारी नर्सिंग कॉलेज में किए गए हैं। ऐसे छात्र-छात्राओं के प्रवेश निरस्त किए हैं, जिन्होंने कक्षा 12वीं के सिलेबस में हिंदी विषय की पढ़ाई नहीं की है। इस नियम का शिकार वह अभ्यर्थी बने हैं जिन्होंने सीबीएसई आईसीएसई और संस्कृत बोर्ड से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की है। इससे प्रभावित छात्र अब हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है।
दिग्विजय ने कहा मुख्यमंत्री को बदनाम करने का षड्यंत्र
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर शिक्षा व्यवस्था को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने लिखा है कि यह भी मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग का अजीब निर्णय है। चयनित छात्रों के रजिस्ट्रेशन निरस्त इसलिए किए जा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अंग्रेजी मीडियम से शिक्षा ली है। जब की केंद्रीय नर्सिंग काउंसिल के नियमों में अंग्रेजी मीडियम की बाध्यता है, यह मुख्यमंत्री को बदनाम करने का क्या षड्यंत्र है? उन्होंने लिखा कि आपके गुरु जेपी नड्डा केंद्रीय मंत्री कहते हैं अंग्रेज़ी मीडियम से पढ़ो, आप कहते हैं हिंदी मीडियम से पढ़ो। इन बच्चों के भविष्य को आप क्यों बिगाड़ रहे हैं? आपकी सरकार ने जो नियम बनाये है वे भी आप 24 दिसंबर 2024 को प्रकाशित कर रहे हैं। जब की नतीजे उसके पहले आ गए। क्या यह केवल इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कुछ प्रभावशाली लोगों के बच्चों का चयन नहीं हुआ? क्या यह सही है?
योग्य अभ्यर्थियों को समय पर मिले प्रवेश
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने नर्सिंग प्रवेश परीक्षा में 12वीं में हिंदी विषय न पढ़ने वाले अभ्यर्थियों के चयन में आई विसंगतियों का संज्ञान लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मानकों के अनुरूप आवश्यक प्रावधान कर इस समस्या का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाए, ताकि योग्य अभ्यर्थियों को समय पर प्रवेश मिल सके। उन्होंने फार्मेसी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए फार्मेसी काउंसिल के नियमों में आवश्यक सुधार करने के निर्देश भी दिए।