फिल्म जंगल सत्याग्रह देखी कांग्रेस नेताओं ने
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दिग्विजय के आमंत्रण के बाद भी नहीं पहुंचे भाजपा नेता
भोपाल। प्रदेश के बैतूल में आदिवासी नायकों ने सन 1930 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जल, जंगल और जमीन के लिए संघर्ष किया था। इस आंदोलन की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ’जंगल सत्याग्रह’ का सोमवार को भोपाल में प्रीमियर शो दिखाया गया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा विधानसभा के ऑडिटोरियम में इस फिल्म का प्रीमियर शो रखा गया था। फिल्म देखने कांग्रेस के कई नेता पहुंचे, मगर भाजपा नेताआें ने फिल्म देखने से दूरी बनाए रखी।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद दिग्विजय ने कहा कि आजादी की लड़ाई में आदिवासियों का अहम योगदान है। जंगल सत्याग्रह उनके संघर्ष की कहानी है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में एससी-एसटी वर्ग द्वारा आजादी के आंदोलन में सबसे बड़ा योगदान जंगल सत्याग्रह का रहा है। अंग्रेजी हुकूमत ने वन संपदा लूटने का नियम लाया था, जिसके खिलाफ यह आंदोलन शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि अभी भी गरीबों में अजा-अजजा बाहुल्य हैं। कांग्रेस सरकार ने इस वर्ग को अधिकार दिए। प्राकृतिक संपदा का पहला हक उन्हीं का है। सिंह ने कहा कि जंगल सत्याग्रह फिल्म केवल एक फिल्म नहीं है, बल्कि मध्य प्रदेश के आदिवासी नायकों के अदम्य साहस, त्याग और स्वाभिमान की जीवंत गाथा है। यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि कैसे मध्यप्रदेश के आदिवासी नायकों ने 1930 में अंग्रेजी हुकूमत के अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद कर अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दे दी। सिंह ने बताया कि फिल्म में बैतूल अंचल के क्रांतिकारी आदिवासी नायक सरदार गंजन सिंह कोरकू, सरदार विष्णु सिंह गोंड, ठाकुर मोहकम सिंह, रामजी कोरकू एवं जुगरू गोंड के अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष को दिखाया गया है।
जंगल सत्याग्रह’ फिल्म के प्रीमियर में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, पूर्व मंत्री प्रताप सिंह उइके सहित कांग्रेस के अन्य विधायक मौजूद रहे।
भाजपा ने बुलाया ही नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस फिल्म को देखने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से लेकर तमाम भाजपा नेताओं को आमंत्रित किया था, लेकिन कोई भी भाजपा नेता इसे देखने नहीं पहुंचा। इसको लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह फिल्म कांग्रेस की नहीं, बल्कि आदिवासियों की फिल्म है। वहीं भाजपा ने दिग्विजय सिंह द्वारा दिखाई जा रही फिल्म को लेकर सवाल किया कि दिग्विजय सिंह केरला एक्सप्रेस और साबरमती देखने नहीं गए। इसको लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा ने ’द साबरमति’ देखने के लिए आमंत्रित नहीं किया। ’द साबरमति’, ’केरला एक्सप्रेस’ उनकी फिल्म है. यदि इसे देखने के लिए आमंत्रित करते तो जरूर जाता।
भोपाल। प्रदेश के बैतूल में आदिवासी नायकों ने सन 1930 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जल, जंगल और जमीन के लिए संघर्ष किया था। इस आंदोलन की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ’जंगल सत्याग्रह’ का सोमवार को भोपाल में प्रीमियर शो दिखाया गया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा विधानसभा के ऑडिटोरियम में इस फिल्म का प्रीमियर शो रखा गया था। फिल्म देखने कांग्रेस के कई नेता पहुंचे, मगर भाजपा नेताआें ने फिल्म देखने से दूरी बनाए रखी।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद दिग्विजय ने कहा कि आजादी की लड़ाई में आदिवासियों का अहम योगदान है। जंगल सत्याग्रह उनके संघर्ष की कहानी है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में एससी-एसटी वर्ग द्वारा आजादी के आंदोलन में सबसे बड़ा योगदान जंगल सत्याग्रह का रहा है। अंग्रेजी हुकूमत ने वन संपदा लूटने का नियम लाया था, जिसके खिलाफ यह आंदोलन शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि अभी भी गरीबों में अजा-अजजा बाहुल्य हैं। कांग्रेस सरकार ने इस वर्ग को अधिकार दिए। प्राकृतिक संपदा का पहला हक उन्हीं का है। सिंह ने कहा कि जंगल सत्याग्रह फिल्म केवल एक फिल्म नहीं है, बल्कि मध्य प्रदेश के आदिवासी नायकों के अदम्य साहस, त्याग और स्वाभिमान की जीवंत गाथा है। यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि कैसे मध्यप्रदेश के आदिवासी नायकों ने 1930 में अंग्रेजी हुकूमत के अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद कर अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दे दी। सिंह ने बताया कि फिल्म में बैतूल अंचल के क्रांतिकारी आदिवासी नायक सरदार गंजन सिंह कोरकू, सरदार विष्णु सिंह गोंड, ठाकुर मोहकम सिंह, रामजी कोरकू एवं जुगरू गोंड के अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष को दिखाया गया है।
जंगल सत्याग्रह’ फिल्म के प्रीमियर में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, पूर्व मंत्री प्रताप सिंह उइके सहित कांग्रेस के अन्य विधायक मौजूद रहे।
भाजपा ने बुलाया ही नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस फिल्म को देखने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से लेकर तमाम भाजपा नेताओं को आमंत्रित किया था, लेकिन कोई भी भाजपा नेता इसे देखने नहीं पहुंचा। इसको लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह फिल्म कांग्रेस की नहीं, बल्कि आदिवासियों की फिल्म है। वहीं भाजपा ने दिग्विजय सिंह द्वारा दिखाई जा रही फिल्म को लेकर सवाल किया कि दिग्विजय सिंह केरला एक्सप्रेस और साबरमती देखने नहीं गए। इसको लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा ने ’द साबरमति’ देखने के लिए आमंत्रित नहीं किया। ’द साबरमति’, ’केरला एक्सप्रेस’ उनकी फिल्म है. यदि इसे देखने के लिए आमंत्रित करते तो जरूर जाता।