प्रदेश के धार्मिक नगरों में शराब पर लगेगा बैन
मुख्यमंत्री ने कहा सरकार जल्द ही उठाएगी ठोस कदम
भोपाल। प्रदेश के धार्मिक नगरों में शराब पर बैन लग सकता है। सरकार इन नगरों में शराब पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव की अगुवाई वाली भाजपा सरकार इसके लिए शराब नीति में संशोधन करने की तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार धार्मिक नगरों पर अपनी नीति में संशोधन करने और धार्मिक नगरों से शराब पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में आगे बढ़ने पर विचार कर रही है। अनेक संतों ने सुझाव दिया है और हमारी सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है। हम गंभीर हैं और इस मामले पर हम बहुत जल्द कोई निर्णय लेंगे। हालांकि इस पर अब सियासत भी गर्म होने लगी है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस पर तंज कसा है। उल्लेखनीय है कि शराबबंदी उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, पीतांबरा पीठ और नलखेड़ा, अमरकंटक और ओरछा जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर सरकार इस साल शराबबंदी का फैसला ले सकती है। अटकलें हैं कि बजट में इसे लेकर घोषणा हो सकती है।
धार्मिक नगरी ही नहीं, पूरे प्रदेश में बंद हो शराब बंदी
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सबसे पहले मुख्यमंत्री को उज्जैन से शुरुआत करनी चाहिए। धार्मिक नगरी में ही नहीं, पूरे प्रदेश भर में शराब बंदी होना चाहिए। आखिर मुख्यमंत्री बताएं कि कब आदेश निकलेगा? कब इसका पालन किया जाएगा? मुख्यमंत्री धार्मिक नगरी के अलावा दूसरे जिलों को क्यों छोड़ रहे हैं? क्योंकि वहां से तो गुजरात शराब सप्लाई किया जाना है। दूसरे राज्यों के जरिए गुजरात शराब भेजने के लिए ऐसा कदम उठाए जा रहा है। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार ने पहले नर्मदा के किनारे बसे शहरों में शराबबंदी की घोषणा की थी, लेकिन वहां खुलेआम शराब बिक रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री 1 साल से अपने शहर उज्जैन में शराबबंदी नहीं कर पाए, मुख्यमंत्री केवल हवा में तीर चला रहे हैं। मुख्यमंत्री को हेडलाइन बनाने का शौक है।
भाजपा का कांग्रेस पर हमला
वहीं नेता प्रतिपक्ष सिंघार के बयान को लेकर भाजपा नेताओं ने पलटवार किया है। भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कांग्रेस से सवाल पूछते हुए कहा कि कांग्रेस पहले यह बताएं कि क्या वह सरकार के इस निर्णय से सहमत नहीं है? क्या कांग्रेस चाहती है कि मंदिरों के पास में शराब की बिक्री हो? भाजपा की सरकार जनता से जो वादे करती है उनका पूरा करने का काम करती है। इसीलिए जनता का भरपूर समर्थन मिलता है।