किसानों की मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा
0
भोपाल। भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने अपने राष्ट्रव्यापी आह्वान पर प्रदेशभर में जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया साथ ही किसानों की मांगों से संबंधित ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से देश की राष्ट्रपति के नाम सौंपा।
किसान यूनियन टिकैत द्वारा पूरे भारत में अपने मुद्दों को उजागर करने और निवारण की मांग के लिए विरोध किया जा रहा हैं। राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन में कहा है कि आप देश की इन दो प्रमुख उत्पादन शक्तियों के पक्ष में हस्तक्षेप करेंगी। भारतीय किसान यूनियन विगत 38 वर्षों से देश के उस वर्ग की आवाज को उठा रही है जिसे लोकतंत्र में दबाने का काम किया जा रहा है। हताश देश का किसान आत्महत्या को मजबूर हो रहा है। वर्षों के बदलने का क्रम जारी है, लेकिन किसान-मजदूर-आदिवासी-दलित-शोषि त-पिछड़े वर्गों का यह संघर्ष अपने अधिकार के लिए जारी है। वर्ष 2025 शुरू हो चुका है, लेकिन कोई भी ऐसा माध्यम नजर नहीं आ रहा जिससे इन वर्गों का उत्थान हो सके। किसानों ने 2020 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी को घेरकर आंदोलन किया। किसानों के लंबे संघर्ष के बाद जब कृषि कानून वापस लिए गए थे, तब किसानों से किए गए वादे आज तक पूरे नहीं हुए हैं।
किसान यूनियन टिकैत द्वारा पूरे भारत में अपने मुद्दों को उजागर करने और निवारण की मांग के लिए विरोध किया जा रहा हैं। राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन में कहा है कि आप देश की इन दो प्रमुख उत्पादन शक्तियों के पक्ष में हस्तक्षेप करेंगी। भारतीय किसान यूनियन विगत 38 वर्षों से देश के उस वर्ग की आवाज को उठा रही है जिसे लोकतंत्र में दबाने का काम किया जा रहा है। हताश देश का किसान आत्महत्या को मजबूर हो रहा है। वर्षों के बदलने का क्रम जारी है, लेकिन किसान-मजदूर-आदिवासी-दलित-शोषि