जल क्रांति के नारे को असत्य बताया पटवारी ने
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कहा सरकार का दावा झूठा है
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने जल जीवन मिशन द्वारा जल क्रांति के नारे को असत्य प्रोपेगंडा बताया है। सरकार का यह दावा है जिसमें कहा गया है कि 7 लाख 86 हजार 293 घरों में कनेक्शन की बात कही गई है, जो पूर्णता असत्य है इसकी प्रामाणिकता के लिए गांवो का दौरा करके देखा जा सकता है।
पटवारी ने कहा कि जल जीवन मिशन में एक तरफ से योजनाएं गांव में चालू हो रही है, लेकिन छोटी-छोटी यांत्रिक गड़बड़ियों के कारण योजनाएं बंद हो रही है। अनेक स्थानों पर आधे गांव में पानी चालू है। आधे गांव में बंद है हजारों गांवों के मंजरे टोलों में नल कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। योजना में काम कर रहे ठेकेदारों की दो-दो साल से पेमेंट नहीं हुए हैं जिसके कारण योजनाओं का काम धीमा पड़ गया है।
पटवारी ने भाजपा द्वारा 50 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई सुविधाओं के दावे को असत्य बताया है। पटवारी ने कहा किसानों ने अपने प्रयासों से अपने धन से सिंचाई योजनाओं को बढ़ाया है निजी क्षेत्र के किसानों द्वारा असंख्य नलकूप होने से सिंचाई क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है भाजपा सरकार इसे अपने प्रयास बता रही है। वस्तु स्थिति यह है कि प्रदेश में सिंचाई परियोजनाओं की क्षमता का प्रयोग कम हुआ है। अधिकांश परियोजनाओं में नहरे चकनाचूर हो गई है ,बांधों में सीपेज बहुत अधिक हो रहा है। पार्वती, काली, सिंध, चंबल, अंतर्राज्यीय नदी लिंक परियोजना केन बेतवा लिंक परियोजना का डिंडोरी पीटा जा रहा है जिसमें अनावश्यक विलंब हो रहा है।
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने जल जीवन मिशन द्वारा जल क्रांति के नारे को असत्य प्रोपेगंडा बताया है। सरकार का यह दावा है जिसमें कहा गया है कि 7 लाख 86 हजार 293 घरों में कनेक्शन की बात कही गई है, जो पूर्णता असत्य है इसकी प्रामाणिकता के लिए गांवो का दौरा करके देखा जा सकता है।
पटवारी ने कहा कि जल जीवन मिशन में एक तरफ से योजनाएं गांव में चालू हो रही है, लेकिन छोटी-छोटी यांत्रिक गड़बड़ियों के कारण योजनाएं बंद हो रही है। अनेक स्थानों पर आधे गांव में पानी चालू है। आधे गांव में बंद है हजारों गांवों के मंजरे टोलों में नल कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। योजना में काम कर रहे ठेकेदारों की दो-दो साल से पेमेंट नहीं हुए हैं जिसके कारण योजनाओं का काम धीमा पड़ गया है।
पटवारी ने भाजपा द्वारा 50 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई सुविधाओं के दावे को असत्य बताया है। पटवारी ने कहा किसानों ने अपने प्रयासों से अपने धन से सिंचाई योजनाओं को बढ़ाया है निजी क्षेत्र के किसानों द्वारा असंख्य नलकूप होने से सिंचाई क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है भाजपा सरकार इसे अपने प्रयास बता रही है। वस्तु स्थिति यह है कि प्रदेश में सिंचाई परियोजनाओं की क्षमता का प्रयोग कम हुआ है। अधिकांश परियोजनाओं में नहरे चकनाचूर हो गई है ,बांधों में सीपेज बहुत अधिक हो रहा है। पार्वती, काली, सिंध, चंबल, अंतर्राज्यीय नदी लिंक परियोजना केन बेतवा लिंक परियोजना का डिंडोरी पीटा जा रहा है जिसमें अनावश्यक विलंब हो रहा है।