जिसके यहां ईडी ने मारा था छापा, उसने पत्नी संग कर ली खुदकुशी
0
राहुल गांधी को गुल्लक भेंट कर चर्चा में आए बच्चे हुए अनाथ
भोपाल। सीहोर जिले के आष्टा में कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा ने आत्महत्या कर ली। मृतक दंपत्ति का शव शुक्रवार सुबह घर में फंदे पर लटका मिला है। 8 दिन पहले 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने परमार के इंदौर और सीहोर स्थित चार ठिकानों पर छापा मारा था। इसे लेकर वह मानसिक रूप से परेशान थे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। मनोज परमार के बच्चों ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को अपनी गुल्लक भेंट की थी। इसके बाद यह परिवार चर्चा में आया था।
मनोज और नेहा परमार के तीन बच्चे हैं। एक 18 वर्ष की बेटी जिया, 16 वर्ष का बेटा जतिन और 13 साल का यश। जतिन ने कहा कि ईडी वालों ने मानसिक तौर पर प्रेशर बनाया था। इस कारण माता-पिता ने सुसाइड किया है। ये बच्चे उस समय सुर्खियों में आए थे तब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता को अपनी गुल्लक भेंट की थी। राहुल गांधी ने इन बच्चों से मुलाकात की थी और गुल्लक स्वीकार भी किया था। इसके बाद इन बच्चों की पहचान गुल्लक टीम के रूप में होने लगी थी। आरोप है कि इस घटना की वजह से कारोबारी मनोज परमार भी शासन के निशाने पर आ गए। 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने परमार के इंदौर और सीहोर स्थित चार ठिकानों पर छापा मारा था। इसे लेकर वह मानसिक रूप से दबाव में थे।
बगलामुखी मंदिर दर्शन कर लौटे थे बुधवार रात को
परिजनों ने बताया कि मनोज गुरुवार को पत्नी और बच्चों के साथ सुसनेर के पास बगलामुखी मंदिर में दर्शन करने गए थे। रात करीब 8 बजे घर लौटे। शांति नगर स्थित एक मकान में तीनों बच्चों को सुला दिया। इसी मकान के पास बने दूसरे मकान में पत्नी नेहा के साथ सोने चले गए। शुक्रवार सुबह काफी देर तक दोनों नहीं आए तो बड़ा बेटा जतिन वहां देखने पहुंचा। कमरे का दरवाजा अटकाभर था। अंदर जाकर देखा तो माता-पिता फंदे पर लटके थे। उसने अन्य परिजन को जानकारी दी। पुलिस को भी फोन लगाया। सुबह करीब 8ः30 बजे मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया। एसडीओपी आकाश अमलकर के मुताबिक, मौके से पांच पेज का सुसाइड नोट मिला है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इसमें क्या लिखा है?
राहुल को गुल्लक भेंट की इसलिए मनोज के यहां डाला छापाः दिग्विजय
मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मनोज परमार को बिना कारण ईडी द्वारा परेशान किया जा रहा था। मनोज परमार के बच्चों ने राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर पर ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर भोपाल संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी। उस पर रेड इसलिए डाली गई, क्योंकि वह कांग्रेस का समर्थक है। मैंने मनोज के लिए वकील की व्यवस्था भी कर दी थी, लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है मनोज इतना घबराया हुआ था कि उसने व उसकी पत्नी ने आज सुबह आत्म हत्या कर ली। सिंह ने इस प्रकरण में डायरेक्टर ईडी से निष्पक्ष जाँच की मांग की है। सिंह ने ये भी कहा कि इन बच्चों का जो आज अनाथ हो गये हैं हम पूरा ख़याल रखेंगे।
बैंक घोटाले का आरोप था
वर्ष 2017 में आष्टा की पंजाब नेशनल बैंक में करीब छह करोड़ रुपए के फर्जी ऋण मामला सामने आया था, जिसमें यह मामला आष्टा पुलिस के साथ सीबीआई के हाथ में पहुंचा था। पीएनबी के राजेंद्र मोहन नायर ने वर्ष 2017 में फर्जी ऋण के मामले में पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी। मृतक मनोज परमार पर घोटाले के आरोप लगे थे। ईडी ने इंदौर और आष्टा में छापामार कार्रवाई के दौरान बेनामी दस्तावेज और नकदी जब्त की है। ईडी भोपाल जोनल कार्यालय के अनुसार यह कार्यवाही पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत की गई थी।
भोपाल। सीहोर जिले के आष्टा में कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा ने आत्महत्या कर ली। मृतक दंपत्ति का शव शुक्रवार सुबह घर में फंदे पर लटका मिला है। 8 दिन पहले 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने परमार के इंदौर और सीहोर स्थित चार ठिकानों पर छापा मारा था। इसे लेकर वह मानसिक रूप से परेशान थे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। मनोज परमार के बच्चों ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को अपनी गुल्लक भेंट की थी। इसके बाद यह परिवार चर्चा में आया था।
मनोज और नेहा परमार के तीन बच्चे हैं। एक 18 वर्ष की बेटी जिया, 16 वर्ष का बेटा जतिन और 13 साल का यश। जतिन ने कहा कि ईडी वालों ने मानसिक तौर पर प्रेशर बनाया था। इस कारण माता-पिता ने सुसाइड किया है। ये बच्चे उस समय सुर्खियों में आए थे तब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता को अपनी गुल्लक भेंट की थी। राहुल गांधी ने इन बच्चों से मुलाकात की थी और गुल्लक स्वीकार भी किया था। इसके बाद इन बच्चों की पहचान गुल्लक टीम के रूप में होने लगी थी। आरोप है कि इस घटना की वजह से कारोबारी मनोज परमार भी शासन के निशाने पर आ गए। 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने परमार के इंदौर और सीहोर स्थित चार ठिकानों पर छापा मारा था। इसे लेकर वह मानसिक रूप से दबाव में थे।
बगलामुखी मंदिर दर्शन कर लौटे थे बुधवार रात को
परिजनों ने बताया कि मनोज गुरुवार को पत्नी और बच्चों के साथ सुसनेर के पास बगलामुखी मंदिर में दर्शन करने गए थे। रात करीब 8 बजे घर लौटे। शांति नगर स्थित एक मकान में तीनों बच्चों को सुला दिया। इसी मकान के पास बने दूसरे मकान में पत्नी नेहा के साथ सोने चले गए। शुक्रवार सुबह काफी देर तक दोनों नहीं आए तो बड़ा बेटा जतिन वहां देखने पहुंचा। कमरे का दरवाजा अटकाभर था। अंदर जाकर देखा तो माता-पिता फंदे पर लटके थे। उसने अन्य परिजन को जानकारी दी। पुलिस को भी फोन लगाया। सुबह करीब 8ः30 बजे मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया। एसडीओपी आकाश अमलकर के मुताबिक, मौके से पांच पेज का सुसाइड नोट मिला है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इसमें क्या लिखा है?
राहुल को गुल्लक भेंट की इसलिए मनोज के यहां डाला छापाः दिग्विजय
मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मनोज परमार को बिना कारण ईडी द्वारा परेशान किया जा रहा था। मनोज परमार के बच्चों ने राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर पर ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर भोपाल संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी। उस पर रेड इसलिए डाली गई, क्योंकि वह कांग्रेस का समर्थक है। मैंने मनोज के लिए वकील की व्यवस्था भी कर दी थी, लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है मनोज इतना घबराया हुआ था कि उसने व उसकी पत्नी ने आज सुबह आत्म हत्या कर ली। सिंह ने इस प्रकरण में डायरेक्टर ईडी से निष्पक्ष जाँच की मांग की है। सिंह ने ये भी कहा कि इन बच्चों का जो आज अनाथ हो गये हैं हम पूरा ख़याल रखेंगे।
बैंक घोटाले का आरोप था
वर्ष 2017 में आष्टा की पंजाब नेशनल बैंक में करीब छह करोड़ रुपए के फर्जी ऋण मामला सामने आया था, जिसमें यह मामला आष्टा पुलिस के साथ सीबीआई के हाथ में पहुंचा था। पीएनबी के राजेंद्र मोहन नायर ने वर्ष 2017 में फर्जी ऋण के मामले में पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी। मृतक मनोज परमार पर घोटाले के आरोप लगे थे। ईडी ने इंदौर और आष्टा में छापामार कार्रवाई के दौरान बेनामी दस्तावेज और नकदी जब्त की है। ईडी भोपाल जोनल कार्यालय के अनुसार यह कार्यवाही पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत की गई थी।