पत्रकारिता विश्वविद्यालय में अभाविप के कार्यक्रम पर उठे सवाल
0
दिग्विजय ने रजिस्टार से पूछा क्या आप भी अभाविप के सदस्य हैं ?
भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हुए अभाविप के कार्यक्रम ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। यूनिवर्सिटी के बड़े पदाधिकारियों के शामिल होने और अभाविप का गमछा पहनने को लेकर छात्र संगठन आमने-सामने है। लेकिन इस विवाद में अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की एंट्री हो गई है। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के समरसता कार्यक्रम को लेकर सवाल किया है कि आपके पदाधिकारियों में कितने अल्पसंख्यक हैं? रजिस्ट्रार से भी सवाल किया कि क्या आप भी अभाविप के सदस्य हैं?
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सवाल किया कि क्या अभाविप बाबा साहब अंबेडकर के संविधान में जो सभी को समान अधिकार देने का प्रस्तावना में प्रावधान है उसका समर्थन करती है? यदि हां तो अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाना बंद करें। समरसता दिवस मनाना है तो आपके पदाधिकारियों में कितने अल्पसंख्यक हैं? रजिस्ट्रार क्या आप भी अभाविप के सदस्य हैं? क्या अभाविप राजनैतिक दल भाजपा का संगठन नहीं है? क्या शासकीय सेवाओं में कर्मियों व अधिकारियों को राजनैतिक कार्यक्रमों में भाग लेने की छूट है? यदि नहीं है तो क्या मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव, रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्यवाही करेंगे?
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में अभाविप का कार्यक्रम हुआ था, जिसमें विश्वविद्यालय के बड़े पदाधिकारी भी शामिल हुए थे। कुलसचिव डॉ. अविनाश बाजपेई और प्रोफेसर डॉ. आशीष जोशी ने इसमें सहभागिता की थी। इस दौरान उन्होंने गले में अभाविप का गमछा पहना हुआ था। जिसके बाद एनएसयूआई ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और प्राध्यापकों पर अभाविप के इकाई गठन कार्यक्रम में जाने और पट्टा पहनने का आरोप लगाया। मामला सामने आने के बाद एनएसयूआई ने इसका विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने निदेशक प्रोडक्शन डॉ. आशीष जोशी की नेम प्लेट पर कालिख पोत दी और उस पर ‘सहायक एबीवीपी’ लिख दिया।
भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हुए अभाविप के कार्यक्रम ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। यूनिवर्सिटी के बड़े पदाधिकारियों के शामिल होने और अभाविप का गमछा पहनने को लेकर छात्र संगठन आमने-सामने है। लेकिन इस विवाद में अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की एंट्री हो गई है। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के समरसता कार्यक्रम को लेकर सवाल किया है कि आपके पदाधिकारियों में कितने अल्पसंख्यक हैं? रजिस्ट्रार से भी सवाल किया कि क्या आप भी अभाविप के सदस्य हैं?
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सवाल किया कि क्या अभाविप बाबा साहब अंबेडकर के संविधान में जो सभी को समान अधिकार देने का प्रस्तावना में प्रावधान है उसका समर्थन करती है? यदि हां तो अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाना बंद करें। समरसता दिवस मनाना है तो आपके पदाधिकारियों में कितने अल्पसंख्यक हैं? रजिस्ट्रार क्या आप भी अभाविप के सदस्य हैं? क्या अभाविप राजनैतिक दल भाजपा का संगठन नहीं है? क्या शासकीय सेवाओं में कर्मियों व अधिकारियों को राजनैतिक कार्यक्रमों में भाग लेने की छूट है? यदि नहीं है तो क्या मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव, रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्यवाही करेंगे?
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में अभाविप का कार्यक्रम हुआ था, जिसमें विश्वविद्यालय के बड़े पदाधिकारी भी शामिल हुए थे। कुलसचिव डॉ. अविनाश बाजपेई और प्रोफेसर डॉ. आशीष जोशी ने इसमें सहभागिता की थी। इस दौरान उन्होंने गले में अभाविप का गमछा पहना हुआ था। जिसके बाद एनएसयूआई ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और प्राध्यापकों पर अभाविप के इकाई गठन कार्यक्रम में जाने और पट्टा पहनने का आरोप लगाया। मामला सामने आने के बाद एनएसयूआई ने इसका विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने निदेशक प्रोडक्शन डॉ. आशीष जोशी की नेम प्लेट पर कालिख पोत दी और उस पर ‘सहायक एबीवीपी’ लिख दिया।