विश्वविद्यालयों में अवैध नियुक्तियां, एनएसयूआई करेगी प्रदर्शन
भोपाल। एनएसयूआई की मध्यप्रदेश इकाई ने प्रदेष में विश्वविद्यालयों में कुलगुरू पद पर हुई नियुक्तियों को अवैध बताया है। एनएसयूआई के प्रदेष अध्यक्ष आषुतोश चौकसे ने कहा कि विष्वविद्यालयों में हुई नियुक्तियों में कई गड़बड़ियां सामने आई है। इसे लेकर एनएसयूआई प्रदर्षन कर विरोध जताएगी।
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने मीडिया से चर्चा करते हुए प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों में कुलगुरू की नियुक्तियों को अवैध बताया। उन्होंने कहा कि हाल ही में मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने 32 निजी विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं की नियुक्तियों को नियमों के उल्लंघन के कारण अवैध घोषित किया। अब एनएसयूआई कि मांग है की इन सभी लोगों की नियुक्तियां रद्द की जाएं। उन्होंने कहा कि जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलगुरु प्रोफेसर राजेश कुमार वर्मा वर्मा को कुलगुरू नियुक्त कर दिया गया जबकि प्रोफेसर के पद पर ही उनकी नियुक्ति विवादित है। चौकसे ने जानकारी दी की वर्मा को पीएचडी की उपाधि 25 नवंबर 2008 को प्रदान की गई थी और इसके बाद 19 जनवरी 2009 को मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए रोजगार और निर्माण में विज्ञापन जारी किया था। इसमें पीएचडी उपाधि और 10 वर्षों का अध्यापन अनुभव जरूरी था जो कि प्रोफेसर वर्मा के पास कुलगुरू के पद पर नियुक्तियों के लिए मौजूद नहीं है। चौकसे ने कहा कि जिन भी विश्वविद्यालयों में इस प्रकार की नियुक्तियों में गड़बड़ी पाई गई। वहां पर एनएसयूआई की इकाई कुलगुरू के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। फिलहाल, प्रदर्शन की शुरुआत जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से की जाएगी।