मणिपुर हिंसा पर केन्द्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम, 5 जिले अशांत क्षेत्र घोषित, लगाया AFSPA
इम्फाल. मणिपुर के 6 पुलिस स्टेशनो के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को अशांत क्षेत्र घोषित किया है. गृह मंत्रालय द्वारा इन क्षेत्रों को भी सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम या AFSPA 1958 के तहत लाया गया. पहले 19 पुलिस स्टेशनों को अफस्पा से बाहर रखा गया था.
यह कदम गृह मंत्रालय द्वारा नागरिकों पर ताजा हमलों व बलों और उग्रवादियों के बीच नए सिरे से हुई गोलीबारी की पृष्ठभूमि के खिलाफ मणिपुर में 20 अतिरिक्त अर्धसैनिक कंपनियों या लगभग 2500 कर्मियों को भेजने के एक दिन बाद आया है. जो उस राज्य में बढ़ते तनाव को रेखांकित करता है जहां 230 से अधिक लोग मारे गए हैं. लगभग 18 महीने पहले शुरू हुई झड़पों में उनकी मौत हो गई.
गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में आज कहा गया कि मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद पहले से बाहर किए गए 19 पुलिस स्टेशनों में से छह को AFSPA के तहत कवर किया जा रहा है. एमएच के अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि यह देखा गया है कि मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा के बीच स्थिति अस्थिर बनी हुई है.
बिष्णुपुर-चुराचांदपुर, इम्फाल पूर्व, कांगपोकपी-इम्फाल पश्चिम और जिरीबाम जिलों के सीमांत इलाकों में हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है. जिसमें विद्रोहियों की सक्रिय भागीदारी के कई उदाहरण हैं. आदेश में कहा गया है कि इम्फाल पश्चिम जिले के सेकमाई व लमशांग के पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में AFSPA को फिर से लागू किया जा रहा है. इंफाल पूर्व में लमलाईय जिरीबाम जिले में जिरीबामय कांगपोकपी जिले में लीमाखोंगय और बिष्णुपुर जिले में मोइरांग. यह आदेश 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगा.