कार्तिकेय के भाषण पर हमलावर हुए कांग्रेस नेता
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कांग्रेस ने कहा बुधनी की जनता को दे रहे धमकी
भोपाल। केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह अपने भाषण को लेकर चर्चाओं में हैं। कांग्रेस उन पर हमलावर है और आरोप लगा रही है कि वो बुधनी की जनता को डरा धमका रहे हैं। इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी उन्हें नसीहत दी है वे अपने पिता से सीखें भाषण कैसे दिया जाता है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान के बयान पर कांग्रेस मुखर हो गई है। कार्तिकेय इस समय बुधनी विधानसभा उपचुनाव में सक्रिय है। अपने पिता के चुनाव की तरह यहां की कमान संभाल रखी है। कार्तिकेय भैरुंदा के रामाधीश पैलेस में भाजपा मंडल के कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में वह यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि जनता से वोट मांगते हुए कह रहे हैं कि ‘उन्नीसा-बीसा होता है तो आप समझिए किसका नुक़सान होगा। अपने पैरों हम क्यों कुल्हाड़ी मारे। अपनी पोलिंग में गड़बड़ी करके हम क्यों अपनी इज्जत खराब करें। क्या हमको नहीं जाना हमारे मुख्यमंत्री जी के पास कराने। क्या हमको नहीं जाना आदरणीय कृषि मंत्री जी के पास काम कराने। बताइए सरपंच जी..कैसे कराएंगे आप काम। जवाब दीजिए मुझे। अगर उन्नीसा बीसा हुआ तो किस मुँह से जाओगे आप काम कराने..कौन सी सड़क लेकर जाओगे। अगर गलती से भी कांग्रेस का विधायक आ जाता है तो..वैसे तो होने वाला नहीं है, लेकिन अगर आ जाता है यहां पर तो एक ईंट किसी के ने नहीं लगने वाली है, समझ लेना आप सब। कार्तिकेय के वायरल वीडियो के मामले में अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। विजयपुर रवाना होने से पहले ग्वालियर में मीडिया से बातचीत करते हुए पटवारी ने कहा कि हर बेटे का आदर्श उसका पिता होता है, लेकिन, शिवराज सिंह उन्हें सीख दे, ये सभ्यता नहीं है, मर्यादा तोड़ दी है।
आप मेरे पुत्र नहीं पौत्र के समान हैं
कार्तिकेय के वीडियो पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कार्तिकेय को सलाह देते हुए लिखा कि कार्तिकेय अभी से इस प्रकार का भाषण ना दो। अपने पिता शिवराज जी से सीखो। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों मिल कर भारत निर्माण में सहयोग करते हैं। 10 साल तक मैं मुख्यमंत्री रहा लेकिन मैंने इस प्रकार की भाषा का कभी उपयोग नहीं किया, आपके पिता गवाह हैं। पंचायत राज क़ानून में निर्माण काम करने के ज़िम्मेदारी सरपंच की होती है ना की विधायक की और आप तो अभी ना सरपंच हैं ना विधायक। आप मेरे पुत्र नहीं पौत्र समान है।
भोपाल। केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह अपने भाषण को लेकर चर्चाओं में हैं। कांग्रेस उन पर हमलावर है और आरोप लगा रही है कि वो बुधनी की जनता को डरा धमका रहे हैं। इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी उन्हें नसीहत दी है वे अपने पिता से सीखें भाषण कैसे दिया जाता है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान के बयान पर कांग्रेस मुखर हो गई है। कार्तिकेय इस समय बुधनी विधानसभा उपचुनाव में सक्रिय है। अपने पिता के चुनाव की तरह यहां की कमान संभाल रखी है। कार्तिकेय भैरुंदा के रामाधीश पैलेस में भाजपा मंडल के कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में वह यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि जनता से वोट मांगते हुए कह रहे हैं कि ‘उन्नीसा-बीसा होता है तो आप समझिए किसका नुक़सान होगा। अपने पैरों हम क्यों कुल्हाड़ी मारे। अपनी पोलिंग में गड़बड़ी करके हम क्यों अपनी इज्जत खराब करें। क्या हमको नहीं जाना हमारे मुख्यमंत्री जी के पास कराने। क्या हमको नहीं जाना आदरणीय कृषि मंत्री जी के पास काम कराने। बताइए सरपंच जी..कैसे कराएंगे आप काम। जवाब दीजिए मुझे। अगर उन्नीसा बीसा हुआ तो किस मुँह से जाओगे आप काम कराने..कौन सी सड़क लेकर जाओगे। अगर गलती से भी कांग्रेस का विधायक आ जाता है तो..वैसे तो होने वाला नहीं है, लेकिन अगर आ जाता है यहां पर तो एक ईंट किसी के ने नहीं लगने वाली है, समझ लेना आप सब। कार्तिकेय के वायरल वीडियो के मामले में अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। विजयपुर रवाना होने से पहले ग्वालियर में मीडिया से बातचीत करते हुए पटवारी ने कहा कि हर बेटे का आदर्श उसका पिता होता है, लेकिन, शिवराज सिंह उन्हें सीख दे, ये सभ्यता नहीं है, मर्यादा तोड़ दी है।
आप मेरे पुत्र नहीं पौत्र के समान हैं
कार्तिकेय के वीडियो पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कार्तिकेय को सलाह देते हुए लिखा कि कार्तिकेय अभी से इस प्रकार का भाषण ना दो। अपने पिता शिवराज जी से सीखो। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों मिल कर भारत निर्माण में सहयोग करते हैं। 10 साल तक मैं मुख्यमंत्री रहा लेकिन मैंने इस प्रकार की भाषा का कभी उपयोग नहीं किया, आपके पिता गवाह हैं। पंचायत राज क़ानून में निर्माण काम करने के ज़िम्मेदारी सरपंच की होती है ना की विधायक की और आप तो अभी ना सरपंच हैं ना विधायक। आप मेरे पुत्र नहीं पौत्र समान है।