महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
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भोपाल। प्रदेश भर के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर भोपाल के अंबेडकर मैदान में प्रदर्शन किया। कर्मचारियों की मुख्य मांग सात प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की है। इसके अलावा पदोन्नति शुरू करने, पुरानी पेंशन बहाली जैसी 25 सूत्रीय मांगें भी शामिल हैं।
राज्य कर्मचारी संघ के बैनर तले आज कर्मचारियों ने राजधानी में महंगाई भत्ते की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र सरकार चार प्रतिशत बढ़ा चुकी है, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक नहीं बढ़ाया है। राज्य कर्मचारी संघ के महामंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ’केंद्र सरकार चार प्रतिशत के बाद अब तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता दे चुकी है। इससे प्रदेश के कर्मचारी कुल सात प्रतिशत महंगाई भत्ता में पीछे हो गए हैं। उन्होंने बताया कि पहले भी ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया। अब प्रदर्शन के बाद भी मांगें नहीं मानी गईं तो हड़ताल पर विचार किया जाएगा। प्रदर्शन में शामिल कर्मचारियों ने बताया कि केंद्र के मुकाबले राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता सात प्रतिशत कम है। केंद्र के कर्मचारियों को 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है, जबकि राज्य के कर्मचारियों को 46 प्रतिशत मिल रहा है। इससे कर्मचारियों को हर महीने एक हजार रुपये से लेकर नौ हजार पांच सौ रुपये तक का नुकसान हो रहा है।
राज्य कर्मचारी संघ के बैनर तले आज कर्मचारियों ने राजधानी में महंगाई भत्ते की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र सरकार चार प्रतिशत बढ़ा चुकी है, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक नहीं बढ़ाया है। राज्य कर्मचारी संघ के महामंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ’केंद्र सरकार चार प्रतिशत के बाद अब तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता दे चुकी है। इससे प्रदेश के कर्मचारी कुल सात प्रतिशत महंगाई भत्ता में पीछे हो गए हैं। उन्होंने बताया कि पहले भी ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया। अब प्रदर्शन के बाद भी मांगें नहीं मानी गईं तो हड़ताल पर विचार किया जाएगा। प्रदर्शन में शामिल कर्मचारियों ने बताया कि केंद्र के मुकाबले राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता सात प्रतिशत कम है। केंद्र के कर्मचारियों को 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है, जबकि राज्य के कर्मचारियों को 46 प्रतिशत मिल रहा है। इससे कर्मचारियों को हर महीने एक हजार रुपये से लेकर नौ हजार पांच सौ रुपये तक का नुकसान हो रहा है।