नियुक्तियों को लेकर फिर शुरू हुई सुगबुआहट
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सदस्यता अभियान समाप्त होते ही हो सकती है नियुक्तियां
भोपाल। सदस्यता अभियान के बीच भाजपा में एक बार फिर निगम-मंडलों, प्राधिकरणों में नियुक्तियों को लेकर चर्चाएं तेज हो चली है। चर्चा इस बात की है कि सदस्यत अभियान के समाप्त होने बाद नियुक्तियां का इंतजार कर रहे नेताओं को पद मिल सकता है। इसे लेकर संगठन और सरकार के बीच सहमति बनी है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से नौ माह बीत गए, मगर भाजपा और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए नेताओं से किए नियुक्ति के वादे को सरकार पूरा नहीं कर पाई है। इसे लेकर पार्टी के सदस्यता अभियान तक सभी को रूकने को कहा गया था, अब जबकि 15 अक्टूबर को भाजपा का सदस्यता अभियान समाप्त होना है, इसे लेकर दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं। संगठन और सरकार पर ये दावेदार दबाव बनाने में जुट गए हैं। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने आरएसएस पदाधिकारियों और भाजपा नेताओं से राजनीतिक नियुक्तियों के लिए उम्मीदवारों की सूची तैयार करने को कहा है। उम्मीदवारों की सूची तैयार होने के बाद मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
सूत्रों की माने तो सूची में कुछ आश्चर्यजनक नाम भी हो सकते हैं। अब तक हुई राजनीतिक नियुक्तियों में नये उम्मीदवारों को मौका दिया गया है। संघ ने सूचना आयोग में नियुक्ति के लिए कुछ नाम दिए, जिससे कई लोग हैरान रह गए। इसी तरह जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष की नियुक्ति के लिए भी संघ ने मोहन नागर के नाम की सिफारिश की है। इसी तरह निगम-मंडलों में भी नियुक्ति के लिए नये नाम सामने आएंगे। संघ और पार्टी संगठन उन लोगों को नियुक्त नहीं करने पर विचार कर रहे हैं जिन्हें पहले ही निगमों और बोर्डों में सेवा करने का मौका दिया गया है।
भोपाल। सदस्यता अभियान के बीच भाजपा में एक बार फिर निगम-मंडलों, प्राधिकरणों में नियुक्तियों को लेकर चर्चाएं तेज हो चली है। चर्चा इस बात की है कि सदस्यत अभियान के समाप्त होने बाद नियुक्तियां का इंतजार कर रहे नेताओं को पद मिल सकता है। इसे लेकर संगठन और सरकार के बीच सहमति बनी है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से नौ माह बीत गए, मगर भाजपा और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए नेताओं से किए नियुक्ति के वादे को सरकार पूरा नहीं कर पाई है। इसे लेकर पार्टी के सदस्यता अभियान तक सभी को रूकने को कहा गया था, अब जबकि 15 अक्टूबर को भाजपा का सदस्यता अभियान समाप्त होना है, इसे लेकर दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं। संगठन और सरकार पर ये दावेदार दबाव बनाने में जुट गए हैं। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने आरएसएस पदाधिकारियों और भाजपा नेताओं से राजनीतिक नियुक्तियों के लिए उम्मीदवारों की सूची तैयार करने को कहा है। उम्मीदवारों की सूची तैयार होने के बाद मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
सूत्रों की माने तो सूची में कुछ आश्चर्यजनक नाम भी हो सकते हैं। अब तक हुई राजनीतिक नियुक्तियों में नये उम्मीदवारों को मौका दिया गया है। संघ ने सूचना आयोग में नियुक्ति के लिए कुछ नाम दिए, जिससे कई लोग हैरान रह गए। इसी तरह जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष की नियुक्ति के लिए भी संघ ने मोहन नागर के नाम की सिफारिश की है। इसी तरह निगम-मंडलों में भी नियुक्ति के लिए नये नाम सामने आएंगे। संघ और पार्टी संगठन उन लोगों को नियुक्त नहीं करने पर विचार कर रहे हैं जिन्हें पहले ही निगमों और बोर्डों में सेवा करने का मौका दिया गया है।