अनुराग जैन होंगे मध्यप्रदेश के नए मुख्य सचिव
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भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव के पसंदीदा अफसर मध्य प्रदेश के सबसे वरिष्ठ अधिकारी 1989 बैच के अनुराग जैन मध्य प्रदेश के अगले मुख्य सचिव होंगे। उनके नाम पर मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के बाद दिल्ली में भी मोहर लग गई है। अनुराग जैन राजधानी भोपाल सहित कई जिलों के कलेक्टर रह चुके हैं।
इकबाल सिंह बैंस की सेवानिवृत्ति के बाद वीरा राणा के मुख्य सचिव बनने के समय भी अनुराग जैन का नाम इस पद की दौड़ में था। अनुराग जैन मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के विश्वासपात्र अफसर हैं और उनकी पसंद भी हैं। जैन फिलहाल मध्य प्रदेश के सबसे वरिश्ठ अधिकारी हैं, इससे पहले कई अधिकारियों के नाम मुख्य सचिव की दौड़ में चल रहे थे लेकिन अनुराग जैन के नाम पर मुहर लग गई है। मुख्य सचिव पद पर उनका कार्यकाल एक साल का रहेगा।
ग्वालियर के रहने वाले हैं अनुराग जैन
1989 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन मूलतः ग्वालियर के रहने वाले हैं। अनुराग जैन आईआईटी खड़गपुर में बीटेक ऑनर्स इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 1986 बैच के मैरिट होल्डर रहे हैं। वे मेरिट सूची में दूसरे नंबर पर थे। इसके वे 2005 में मैक्सवेल स्कूल यूनिवर्सिटी ऑफ सिरैक्यूज, यूएसए से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एम.ए किया। आईएएस बनने के बाद अनुराग जैन की पहली पोस्टिंग असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में सागर में 6 जून 1990 में हुई थी। वे 26 अगस्त 1991 तक यहां पदस्थ रहे। वे मंडला कलेक्टर 14 जुलाई 1997 से जून 1999 तक, मंदसौर में 22 जून 1999 से 10 जुलाई 2001 तक, भोपाल कलेक्टर में 16 जुलाई 2001 से जनवरी 2004 तक कलेक्टर रहे। अनुराग जैन ने केन्द्र सरकार के वित्त विभाग में ज्वाइंट सेक्रेटरी के रूप में 29 जून 2011 से 5 जनवरी 2015 तक सेवाएं दी। अनुराग जैन पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में पीएमओ में ज्वाइंट सेक्रेटरी रहे हैं।
अच्छे वित्तीय प्रबंधक
अनुराग जैन को वित्तीय प्रबंधन का अच्छा जानकार माना जाता है। कमलनाथ सरकार के दौरान भी उन्हें अहम जिम्मेदारी मिली थी। 2019 में भी जब वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे थे, तो कमलनाथ सरकार में उन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी मिली थी। हालांकि 2020 में वह फिर से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे।
दिल्ली से आया संदेश
सूत्रों के मुताबिक, अनुराग जैन को सीएस बनाने का संदेश दिल्ली से आया था, क्योंकि जब तक मुख्यमंत्री डा मोहन यादव भोपाल से झारखंड के लिए रवाना हुए थे, तब तक किसी भी तरह की हलचल नहीं थी। इसलिए माना जा रहा था कि डॉ राजेश राजौरा को ही प्रदेश के अगले मुख्य सचिव बनेंगे। मुख्यमंत्री के रवाना होने बाद से दिल्ली से ये संदेश पहुंचा कि अनुराग जैन को मुख्य सचिव बनाया जाए।
ये अधिकारी भी थे दौड़ में
मुख्य सचिव पद के लिए राजेश राजौरा के साथ ही मोहम्मद सुलेमान और एसएन मिश्रा जैसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नाम भी लिए जा रहे थे। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव भी चाहते थे कि एसीएस राजौरा को ही मुख्य सचिव बनाया जाए। हालांकि, दिल्ली से उनका प्रस्ताव खारिज हो गया और अनुराग जैन को होम कैडर में भेजने की व्यवस्था की गई।
इकबाल सिंह बैंस की सेवानिवृत्ति के बाद वीरा राणा के मुख्य सचिव बनने के समय भी अनुराग जैन का नाम इस पद की दौड़ में था। अनुराग जैन मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के विश्वासपात्र अफसर हैं और उनकी पसंद भी हैं। जैन फिलहाल मध्य प्रदेश के सबसे वरिश्ठ अधिकारी हैं, इससे पहले कई अधिकारियों के नाम मुख्य सचिव की दौड़ में चल रहे थे लेकिन अनुराग जैन के नाम पर मुहर लग गई है। मुख्य सचिव पद पर उनका कार्यकाल एक साल का रहेगा।
ग्वालियर के रहने वाले हैं अनुराग जैन
1989 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन मूलतः ग्वालियर के रहने वाले हैं। अनुराग जैन आईआईटी खड़गपुर में बीटेक ऑनर्स इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 1986 बैच के मैरिट होल्डर रहे हैं। वे मेरिट सूची में दूसरे नंबर पर थे। इसके वे 2005 में मैक्सवेल स्कूल यूनिवर्सिटी ऑफ सिरैक्यूज, यूएसए से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एम.ए किया। आईएएस बनने के बाद अनुराग जैन की पहली पोस्टिंग असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में सागर में 6 जून 1990 में हुई थी। वे 26 अगस्त 1991 तक यहां पदस्थ रहे। वे मंडला कलेक्टर 14 जुलाई 1997 से जून 1999 तक, मंदसौर में 22 जून 1999 से 10 जुलाई 2001 तक, भोपाल कलेक्टर में 16 जुलाई 2001 से जनवरी 2004 तक कलेक्टर रहे। अनुराग जैन ने केन्द्र सरकार के वित्त विभाग में ज्वाइंट सेक्रेटरी के रूप में 29 जून 2011 से 5 जनवरी 2015 तक सेवाएं दी। अनुराग जैन पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में पीएमओ में ज्वाइंट सेक्रेटरी रहे हैं।
अच्छे वित्तीय प्रबंधक
अनुराग जैन को वित्तीय प्रबंधन का अच्छा जानकार माना जाता है। कमलनाथ सरकार के दौरान भी उन्हें अहम जिम्मेदारी मिली थी। 2019 में भी जब वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे थे, तो कमलनाथ सरकार में उन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी मिली थी। हालांकि 2020 में वह फिर से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे।
दिल्ली से आया संदेश
सूत्रों के मुताबिक, अनुराग जैन को सीएस बनाने का संदेश दिल्ली से आया था, क्योंकि जब तक मुख्यमंत्री डा मोहन यादव भोपाल से झारखंड के लिए रवाना हुए थे, तब तक किसी भी तरह की हलचल नहीं थी। इसलिए माना जा रहा था कि डॉ राजेश राजौरा को ही प्रदेश के अगले मुख्य सचिव बनेंगे। मुख्यमंत्री के रवाना होने बाद से दिल्ली से ये संदेश पहुंचा कि अनुराग जैन को मुख्य सचिव बनाया जाए।
ये अधिकारी भी थे दौड़ में
मुख्य सचिव पद के लिए राजेश राजौरा के साथ ही मोहम्मद सुलेमान और एसएन मिश्रा जैसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नाम भी लिए जा रहे थे। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव भी चाहते थे कि एसीएस राजौरा को ही मुख्य सचिव बनाया जाए। हालांकि, दिल्ली से उनका प्रस्ताव खारिज हो गया और अनुराग जैन को होम कैडर में भेजने की व्यवस्था की गई।