आउटसोर्स कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, किया प्रदर्शन
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भोपाल। राजधानी में आज विभिन्न विभागों में पदस्थ आउटसोर्स, अंशकालीन और ग्राम पंचायतों में पदस्थ कर्मचारियों ने न्यूनतम वेतनमान की मांग को लेकर धरना, प्रदर्शन किया। कर्मचारी श्रम मंत्री से मिलने की मांग पर अड़े हैं। कर्मचारियों की मांग है कि प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के लिए जो न्यूनतम वेतनमान तय किया है, वह तो दिया जाए. प्रदेश में कई कर्मचारी सालों से ढाई हजार से लेकर 5 हजार रुपए महीने के वेतनमान पर काम कर रहे हैं।
आउटसोर्स अस्थाई, अंशकालीन, ग्राम पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि नौकरी में सुरक्षा नहीं है और न ही सम्मानजनक वेतनमान मिलता है। पंचायतों में चौकीदार, सफाई कर्मी, कम्प्यूटर ऑपरेटर को 2 से ढाई हजार रुपए वेतनमान मिलता है। स्कूलों, छात्रावासों में अंशकालिक, दैनिक वेतनभोगी, भृत्य को करीबन 5 हजार रुपए मिलते हैं, जबकि उन्हें 5 से 10 साल नौकरी करते हुए हो गए हैं। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ आउटसोर्स कर्मचारियों की स्थिति है. जबकि सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतनमान ही 11 हजार आठ सौ रुपए है, लेकिन सरकार ही अपने कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान नहीं दे रही है। पदाधिकारियों ने कहा कि हमने आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों को लेकर यह प्रदर्शन किया है। इस प्रदर्शन में प्रदेश भर के विभिन्न विभागों में पदस्थ कर्मचारी शामिल हुए।
आउटसोर्स अस्थाई, अंशकालीन, ग्राम पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि नौकरी में सुरक्षा नहीं है और न ही सम्मानजनक वेतनमान मिलता है। पंचायतों में चौकीदार, सफाई कर्मी, कम्प्यूटर ऑपरेटर को 2 से ढाई हजार रुपए वेतनमान मिलता है। स्कूलों, छात्रावासों में अंशकालिक, दैनिक वेतनभोगी, भृत्य को करीबन 5 हजार रुपए मिलते हैं, जबकि उन्हें 5 से 10 साल नौकरी करते हुए हो गए हैं। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ आउटसोर्स कर्मचारियों की स्थिति है. जबकि सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतनमान ही 11 हजार आठ सौ रुपए है, लेकिन सरकार ही अपने कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान नहीं दे रही है। पदाधिकारियों ने कहा कि हमने आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों को लेकर यह प्रदर्शन किया है। इस प्रदर्शन में प्रदेश भर के विभिन्न विभागों में पदस्थ कर्मचारी शामिल हुए।