स्कूलों के कर्मचारियां का होगा वेरिफिकेशन
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्कूलों और मदरसों में कार्यरत कर्मचारियों का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किए हैं।
राजधानी भोपाल में पिछले दिनों एक स्कूल में तीन साल की बच्ची से बलात्कार की घटना सामने आई थी, जबकि एक और मामले में मासूम बच्ची से गलत हरकत करने की बात सामने आई है। इसके बाद अब जिला प्रशासन सख्ती में दिख रहा है। भोपाल के सभी शैक्षणिक मदरसों और स्कूलों के लिए सरकारी आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि स्कूलों और मदरसों के स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाए और उसके बाद ही उन्हें स्टाफ में जगह दी जाए। अगर किसी का वेरिफिकेशन सही नहीं पाया जाता है तो उसे नौकरी पर नहीं रखा जाए।
दरअसल, भोपाल में स्कूलों में बच्चियों के साथ दरिंदगी की घटनाओं को लेकर भोपाल जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया है. जिसमें निर्देशित किया गया है कि सभी स्कूल, मदरसों शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन जरूर कराया जाए. अगर किसी का चरित्र ठीक नहीं है तो फिर उसकी स्कूलों और मदरसों में नहीं रखा जाना चाहिए। शिक्षा विभाग अब स्कूल और मदरसों के स्टाफ का चरित्र जानेगा, क्योंकि हाल फिलहाल की सभी घटनाओं में स्कूलों के स्टाफ का ही हाथ रहा है।
राजधानी भोपाल में पिछले दिनों एक स्कूल में तीन साल की बच्ची से बलात्कार की घटना सामने आई थी, जबकि एक और मामले में मासूम बच्ची से गलत हरकत करने की बात सामने आई है। इसके बाद अब जिला प्रशासन सख्ती में दिख रहा है। भोपाल के सभी शैक्षणिक मदरसों और स्कूलों के लिए सरकारी आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि स्कूलों और मदरसों के स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाए और उसके बाद ही उन्हें स्टाफ में जगह दी जाए। अगर किसी का वेरिफिकेशन सही नहीं पाया जाता है तो उसे नौकरी पर नहीं रखा जाए।
दरअसल, भोपाल में स्कूलों में बच्चियों के साथ दरिंदगी की घटनाओं को लेकर भोपाल जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया है. जिसमें निर्देशित किया गया है कि सभी स्कूल, मदरसों शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन जरूर कराया जाए. अगर किसी का चरित्र ठीक नहीं है तो फिर उसकी स्कूलों और मदरसों में नहीं रखा जाना चाहिए। शिक्षा विभाग अब स्कूल और मदरसों के स्टाफ का चरित्र जानेगा, क्योंकि हाल फिलहाल की सभी घटनाओं में स्कूलों के स्टाफ का ही हाथ रहा है।