केरल के समान विकसित किए जाएंगे मेडिकल टूरिज्म
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मुख्यमंत्री ने अखिल भारतीय प्रतिनिधि मंडल सम्मेलन को किया संबोधित
भोपाल। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में केरल के समान प्राकृतिक और अन्य वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों पर मेडिकल टूरिज्म को विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है। इससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री डा यादव ने यह बात आज ग्वालियर में आयोजित आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधि मंडल सम्मेलन को भोपाल से वर्चुअली संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि प्रदेश में केरल के समान प्राकृतिक और अन्य वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों पर मेडिकल टूरिज्म को विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है। इससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में 46 हजार 451 नए पदों को स्वीकृति प्रदान की गई है। साथ ही 800 आयुष आरोग्य मंदिरों का संचालन आरंभ हुआ है। प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज के साथ ही आयुर्वेदिक संस्थाओं की संख्या अभी ओर बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेडिकल या आयुर्वेदिक कॉलेज अवश्य हो। इससे प्रदेशवासियों को इलाज के लिए प्रदेश से बाहर जाने की आवश्यकता न रहे। जन-जन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने, लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने और रोगमुक्त समाज के निर्माण की दिशा में योजना बनाने और उनके क्रियान्वयन में राज्य सरकार, आरोग्य भारती का सहयोग और मार्गदर्शन भी प्राप्त करेगी।
औषधीय वनस्पतियों को लेकर बढ़ाएंगे जागरूकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की आयुर्वेदिक चिकित्सालयों को प्रोत्साहित करने की योजना के अंतर्गत समाज के लोगों द्वारा आरंभ किए गए चिकित्सालयों को भी प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। जनजातीय क्षेत्रों में औषधीय खेती को प्रोत्साहित करने के लिए देवारण्य योजना का संचालन किया जा रहा है। औषधीय वनस्पतियों के बारे में जागरूकता फैलाने और उनकी मार्केटिंग के लिए हर साल लघु वनोपज मेले भी आयोजित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय परंपरा में पहला सुख निरोगी काया के सिद्धांत को मानते हुए स्वास्थ्य को ही सबसे बड़ा धन माना गया है। आरोग्य भारती संस्था द्वारा समाज में स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हुए रोगमुक्त जीवन जीने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में केरल के समान प्राकृतिक और अन्य वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों पर मेडिकल टूरिज्म को विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है। इससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री डा यादव ने यह बात आज ग्वालियर में आयोजित आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधि मंडल सम्मेलन को भोपाल से वर्चुअली संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि प्रदेश में केरल के समान प्राकृतिक और अन्य वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों पर मेडिकल टूरिज्म को विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है। इससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में 46 हजार 451 नए पदों को स्वीकृति प्रदान की गई है। साथ ही 800 आयुष आरोग्य मंदिरों का संचालन आरंभ हुआ है। प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज के साथ ही आयुर्वेदिक संस्थाओं की संख्या अभी ओर बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेडिकल या आयुर्वेदिक कॉलेज अवश्य हो। इससे प्रदेशवासियों को इलाज के लिए प्रदेश से बाहर जाने की आवश्यकता न रहे। जन-जन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने, लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने और रोगमुक्त समाज के निर्माण की दिशा में योजना बनाने और उनके क्रियान्वयन में राज्य सरकार, आरोग्य भारती का सहयोग और मार्गदर्शन भी प्राप्त करेगी।
औषधीय वनस्पतियों को लेकर बढ़ाएंगे जागरूकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की आयुर्वेदिक चिकित्सालयों को प्रोत्साहित करने की योजना के अंतर्गत समाज के लोगों द्वारा आरंभ किए गए चिकित्सालयों को भी प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। जनजातीय क्षेत्रों में औषधीय खेती को प्रोत्साहित करने के लिए देवारण्य योजना का संचालन किया जा रहा है। औषधीय वनस्पतियों के बारे में जागरूकता फैलाने और उनकी मार्केटिंग के लिए हर साल लघु वनोपज मेले भी आयोजित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय परंपरा में पहला सुख निरोगी काया के सिद्धांत को मानते हुए स्वास्थ्य को ही सबसे बड़ा धन माना गया है। आरोग्य भारती संस्था द्वारा समाज में स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हुए रोगमुक्त जीवन जीने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।