मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे अतिथि शिक्षकों को रोका
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भोपाल। लंबित मांगों को लेकर प्रदेशभर से आए अतिथि शिक्षकों ने आज मंगलवार को राजधानी भोपाल में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे इन अतिथि शिक्षकों ने अपनी घोषणा के अनुरूप जब मुख्यमंत्री निवास घेराव के लिए कूच किया तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस ने उनकी झूमाझटकी हुई। पुलिस ने अतिथि शिक्षकों की गिरफ्तारी भी की है।
दरअसल, नियमितीकरण समेत कई मांग को लेकर सड़कों पर हजारों अतिथि शिक्षक आज सड़क पर उतर गए। मुख्यमंत्री निवास घेराव करने निकले अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने अंबेडकर पार्क के बाहर ही रोक लिया। अतिथि शिक्षकां के इस प्रदर्शन में पूरे प्रदेश से करीब 7 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक राजधानी में तिरंगा यात्रा लेकर पहुंचे थे। ये अतिथि शिक्षक जब आंबेडकर पार्क से मुख्यमंत्री निवास घेराव के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। इस दौरान पुलिस से अतिथि शिक्षकों की झूमा-झटकी भी हुई। बाद में पुलिस ने अतिथि शिक्षकों की गिरफ्तारी भी की है।
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री पूर्व में की गई घोषणाओं को पूरा करें। यहां तक की अतिथि शिक्षकों के साथ इतना दुर्व्यवहार हो रहा है कि कई बार उन्हें नियमित शिक्षक होने के बाद निकाल दिया जाता है। सरकार से मांग की है कि साल 2023 में की गई घोषणाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। सरकार ने पंचायत बुलाकर वादा किया था कि अतिथि शिक्षकों की मांगों को पूरा किया जाएगा लेकिन एक साथ बीत जाने के बाद भी एक भी मांग पर सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। यही वजह है कि प्रदेशभर से अतिथि शिक्षक राजधानी पहुंचे थे।
दरअसल, नियमितीकरण समेत कई मांग को लेकर सड़कों पर हजारों अतिथि शिक्षक आज सड़क पर उतर गए। मुख्यमंत्री निवास घेराव करने निकले अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने अंबेडकर पार्क के बाहर ही रोक लिया। अतिथि शिक्षकां के इस प्रदर्शन में पूरे प्रदेश से करीब 7 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक राजधानी में तिरंगा यात्रा लेकर पहुंचे थे। ये अतिथि शिक्षक जब आंबेडकर पार्क से मुख्यमंत्री निवास घेराव के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। इस दौरान पुलिस से अतिथि शिक्षकों की झूमा-झटकी भी हुई। बाद में पुलिस ने अतिथि शिक्षकों की गिरफ्तारी भी की है।
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री पूर्व में की गई घोषणाओं को पूरा करें। यहां तक की अतिथि शिक्षकों के साथ इतना दुर्व्यवहार हो रहा है कि कई बार उन्हें नियमित शिक्षक होने के बाद निकाल दिया जाता है। सरकार से मांग की है कि साल 2023 में की गई घोषणाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। सरकार ने पंचायत बुलाकर वादा किया था कि अतिथि शिक्षकों की मांगों को पूरा किया जाएगा लेकिन एक साथ बीत जाने के बाद भी एक भी मांग पर सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। यही वजह है कि प्रदेशभर से अतिथि शिक्षक राजधानी पहुंचे थे।