कॉलेजां में खिलाया जाएगा पारंपरिक खेल पिट्टू
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कांग्रेस ने कहा विद्यार्थियों को पत्थरबाज बनाना चाहती है सरकार
भोपाल। प्रदेश के कॉलेजों में अब विद्यार्थियों को पुरानी खेल विधा के पारंपरिक स्वदेशी खेल पिट्टू को खिलाने का फरमान उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया है। विभाग के इस फरमान को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार अब विद्यार्थियों को पत्थरबाज बनाना चाहती है, वहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस को पिट्टू और पट्ठों में कोई फर्क समझ में नहीं आता है। इसलिए सवाल उठा रहे हैं। पट्ठे वाले लोग पिट्टू खेल क्या जानेंगे।
दरअसल उच्च शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में अपर सचिव वीरन सिंह भलावी ने सभी विश्वविद्यालयों में पारंपरिक स्वदेशी खेल पिट्टू को लेकर एक आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि खेलकूद प्रतियोगिताओं के कैलेंडर में वर्ष 2024-25 में खेल विधा की प्राचीन एवं पारंपरिक स्वदेशी खेल पिट्टू को शामिल किया गया है। आदेश के साथ सभी विश्वविद्यालयों को पिट्टू फेडरेशन आफ इंडिया की इंदौर इकाई द्वारा खेल को लेकर तैयार की पुस्तिका भी भेजी गई है। इस पुस्तिका में खेल के नियम बताए गए हैं। 22 पेज की भेजी इस पुस्तिका 37 बिन्दुओं पर खेल किस प्रकार खेला जाए और अन्य नियमों की जानकारी दी गई है।
उच्च शिक्षा विभाग के इस आदेश पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि पहले सरकार को ओलंपिक में पिट्टू खेल को रजिस्टर कर लेना चाहिए। फिर प्रदेश के कॉलेजों में छात्रों को यह खेल खिलाना चाहिए। सरकार छात्रों को पत्थरबाज बनाना चाहती है।
पिट्टू और पट्ठों में अंतर नहीं समझती कांग्रेस
भाजपा प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने कांग्रेस नेता के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि पिट्टू एक पुराना खेल है। कांग्रेस को पिट्टू और पट्ठों में कोई फर्क समझ में नहीं आता है। इसलिए सवाल उठा रहे हैं। पट्ठे वाले लोग पिट्टू खेल क्या जानेंगे। वहीं रतलाम में पत्थर बाजी को लेकर कहा कि कांग्रेस का हिंदू के त्योहार से कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस दफ्तर में इसीलिए गणेश प्रतिमा नहीं बैठाई गई है, जिस दिन गणेश चतुर्थी है उस दिन मुस्लिम परस्ती के बयान दिग्विजय सिंह देते हैं। उसी दिन रतलाम में गणेश चतुर्थी के जुलूस पर पत्थरबाजी की गई। इसके बाद भी दिग्विजय कांग्रेस के पुरोधा उलटा बयान देते हैं।
भोपाल। प्रदेश के कॉलेजों में अब विद्यार्थियों को पुरानी खेल विधा के पारंपरिक स्वदेशी खेल पिट्टू को खिलाने का फरमान उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया है। विभाग के इस फरमान को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार अब विद्यार्थियों को पत्थरबाज बनाना चाहती है, वहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस को पिट्टू और पट्ठों में कोई फर्क समझ में नहीं आता है। इसलिए सवाल उठा रहे हैं। पट्ठे वाले लोग पिट्टू खेल क्या जानेंगे।
दरअसल उच्च शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में अपर सचिव वीरन सिंह भलावी ने सभी विश्वविद्यालयों में पारंपरिक स्वदेशी खेल पिट्टू को लेकर एक आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि खेलकूद प्रतियोगिताओं के कैलेंडर में वर्ष 2024-25 में खेल विधा की प्राचीन एवं पारंपरिक स्वदेशी खेल पिट्टू को शामिल किया गया है। आदेश के साथ सभी विश्वविद्यालयों को पिट्टू फेडरेशन आफ इंडिया की इंदौर इकाई द्वारा खेल को लेकर तैयार की पुस्तिका भी भेजी गई है। इस पुस्तिका में खेल के नियम बताए गए हैं। 22 पेज की भेजी इस पुस्तिका 37 बिन्दुओं पर खेल किस प्रकार खेला जाए और अन्य नियमों की जानकारी दी गई है।
उच्च शिक्षा विभाग के इस आदेश पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि पहले सरकार को ओलंपिक में पिट्टू खेल को रजिस्टर कर लेना चाहिए। फिर प्रदेश के कॉलेजों में छात्रों को यह खेल खिलाना चाहिए। सरकार छात्रों को पत्थरबाज बनाना चाहती है।
पिट्टू और पट्ठों में अंतर नहीं समझती कांग्रेस
भाजपा प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने कांग्रेस नेता के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि पिट्टू एक पुराना खेल है। कांग्रेस को पिट्टू और पट्ठों में कोई फर्क समझ में नहीं आता है। इसलिए सवाल उठा रहे हैं। पट्ठे वाले लोग पिट्टू खेल क्या जानेंगे। वहीं रतलाम में पत्थर बाजी को लेकर कहा कि कांग्रेस का हिंदू के त्योहार से कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस दफ्तर में इसीलिए गणेश प्रतिमा नहीं बैठाई गई है, जिस दिन गणेश चतुर्थी है उस दिन मुस्लिम परस्ती के बयान दिग्विजय सिंह देते हैं। उसी दिन रतलाम में गणेश चतुर्थी के जुलूस पर पत्थरबाजी की गई। इसके बाद भी दिग्विजय कांग्रेस के पुरोधा उलटा बयान देते हैं।