विकास ऐसा हो, जिसका लाभ आने वाली पीढ़ी को भी मिले
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अधोसंरचना निर्माण में नवाचारों का समावेश विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अधोसंरचना का काम रीढ़ की हड्डी की तरह होता है, जिस पर आर्थिक और समावेशी विकास की नीतियां आकार लेती है। प्रौद्योगिकी की ताकत को पहचाने, इसका सदुपयोग कर समाज हित में संकल्प को पूर्णता प्रदान करे ताकि इस पीढ़ी के साथ आने वाली पीढ़ी भी लाभांवित हो सके।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को उज्जैन से भोपाल में निर्माण उद्योग विकास परिषद द्वारा आयोजित कॉन्फ्रेंस को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री नें अधोसंरचना निर्माण में नवाचारों का समावेश विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस का उज्जैन से वर्चुअली शुभारंभ भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधोसंरचना के क्षेत्र में समावेशी विकास की गुंजाइश पर आयोजित कॉन्फ्रेंस बुनियादी ढांचे, पर्यावरण, स्वास्थ्य, नवाचारों आदि संभावनाओं पर समग्र रूप से विचार किया जाए। नवीन प्रौद्योगिकी के युग में एक प्लेटफार्म पर निरंतर विचार विमर्श से ही समावेशी विकास के नए मार्ग एवं द्वार खुलेंगे। प्रदेश और निर्माण की बेहतरी के लिए हर संभावना को तलाशा जाए।
प्रभावी, लचीले बुनियादी ढांचे के निर्माण पर हमें देना होगा जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के संकट से बचाव के लिए प्रभावी और लचीले बुनियादी ढांचे के निर्माण पर हमे जोर देना होगा। नई विधाएं अपनाकर निर्माण की गति भी बढ़ानी होगी। निर्माण के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। निर्माण लागत और संसाधन को कम करने में भी सुधार की गुंजाइश हैं। आज पर्यावरण अनुकूल निर्माण सामग्री और निर्माण प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है। मौसम आधारित निर्माण पर भी समग्र रूप से विचार करने की जरूरत हैं।
वर्तमान चैलेंज का समाधान करते हुए बढ़े आगे
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने कहा कि टेक्नोलॉजी के युग में हम आगे तो बढ़ रहे हैं, लेकिन आवश्यकता है कि आज के चैलेंज का समाधान करते हुए हम आगे बढ़े ताकि हम आने वाली पीढ़ियों के भविष्य सुरक्षित कर सके। उन्होंने कहा कि यह दो दिवसीय कांफ्रेंस आप सबके श्रेष्ठ विचारों से उत्कृष्ट सुझाव से निश्चित रूप से पूरी तरह से समृद्ध और सार्थक होगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अधोसंरचना का काम रीढ़ की हड्डी की तरह होता है, जिस पर आर्थिक और समावेशी विकास की नीतियां आकार लेती है। प्रौद्योगिकी की ताकत को पहचाने, इसका सदुपयोग कर समाज हित में संकल्प को पूर्णता प्रदान करे ताकि इस पीढ़ी के साथ आने वाली पीढ़ी भी लाभांवित हो सके।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को उज्जैन से भोपाल में निर्माण उद्योग विकास परिषद द्वारा आयोजित कॉन्फ्रेंस को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री नें अधोसंरचना निर्माण में नवाचारों का समावेश विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस का उज्जैन से वर्चुअली शुभारंभ भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधोसंरचना के क्षेत्र में समावेशी विकास की गुंजाइश पर आयोजित कॉन्फ्रेंस बुनियादी ढांचे, पर्यावरण, स्वास्थ्य, नवाचारों आदि संभावनाओं पर समग्र रूप से विचार किया जाए। नवीन प्रौद्योगिकी के युग में एक प्लेटफार्म पर निरंतर विचार विमर्श से ही समावेशी विकास के नए मार्ग एवं द्वार खुलेंगे। प्रदेश और निर्माण की बेहतरी के लिए हर संभावना को तलाशा जाए।
प्रभावी, लचीले बुनियादी ढांचे के निर्माण पर हमें देना होगा जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के संकट से बचाव के लिए प्रभावी और लचीले बुनियादी ढांचे के निर्माण पर हमे जोर देना होगा। नई विधाएं अपनाकर निर्माण की गति भी बढ़ानी होगी। निर्माण के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। निर्माण लागत और संसाधन को कम करने में भी सुधार की गुंजाइश हैं। आज पर्यावरण अनुकूल निर्माण सामग्री और निर्माण प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है। मौसम आधारित निर्माण पर भी समग्र रूप से विचार करने की जरूरत हैं।
वर्तमान चैलेंज का समाधान करते हुए बढ़े आगे
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने कहा कि टेक्नोलॉजी के युग में हम आगे तो बढ़ रहे हैं, लेकिन आवश्यकता है कि आज के चैलेंज का समाधान करते हुए हम आगे बढ़े ताकि हम आने वाली पीढ़ियों के भविष्य सुरक्षित कर सके। उन्होंने कहा कि यह दो दिवसीय कांफ्रेंस आप सबके श्रेष्ठ विचारों से उत्कृष्ट सुझाव से निश्चित रूप से पूरी तरह से समृद्ध और सार्थक होगी।