सोयाबीन की कम कीमतों से चिंतित किसान, केन्द्र से की हस्तक्षेप की मांग
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भोपाल। प्रदेश के किसानों ने राज्य में सोयाबीन की गिरती कीमतों को लेकर गहरी चिंता जताई है। किसानों ने केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है। किसान संगठनों के गठबंधन, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने चेतावनी दी गई है कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो मध्य प्रदेश ’सोयाबीन राज्य’ का खिताब खो सकता है।
किसानों का दावा है कि राज्य में सोयाबीन की कीमतें पिछले दस साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। पिछले वर्ष अगस्त में सोयाबीन की कीमतें 4,450 से 4,725 रुपये प्रति क्विंटल थीं, जो अब गिरकर 3,500 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई हैं। सोयाबीन को राज्य में ’पीला सोना’ माना जाता है, क्योंकि देश का लगभग आधा सोयाबीन मध्य प्रदेश में उत्पन्न होता है। ऐसे में कीमतों में आई इस गिरावट से किसानों की चिंता बढ़ गई है।
सोशल मीडिया पर किसानों ने चलाया अभियान
एसकेएम से जुड़े कुछ किसान संगठनों ने सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर इस मुद्दे को उठाया है और आंदोलन की भी चेतावनी दी है। उन्होंने केंद्र सरकार से 6 हजार से 8 हजार रुपये प्रति क्विंटल के बीच समर्थन मूल्य तय करने की मांग की है। हालांकि, केंद्र सरकार ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पिछले सत्र के 4,600 रुपये प्रति क्विंटल से 292 रुपये बढ़ाकर 4,892 रुपये प्रति क्वींटल कर दिया है, परंतु किसानों को इस मूल्य पर भी अपनी फसल बेचने में कठिनाई हो रही है।
किसानों का दावा है कि राज्य में सोयाबीन की कीमतें पिछले दस साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। पिछले वर्ष अगस्त में सोयाबीन की कीमतें 4,450 से 4,725 रुपये प्रति क्विंटल थीं, जो अब गिरकर 3,500 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई हैं। सोयाबीन को राज्य में ’पीला सोना’ माना जाता है, क्योंकि देश का लगभग आधा सोयाबीन मध्य प्रदेश में उत्पन्न होता है। ऐसे में कीमतों में आई इस गिरावट से किसानों की चिंता बढ़ गई है।
सोशल मीडिया पर किसानों ने चलाया अभियान
एसकेएम से जुड़े कुछ किसान संगठनों ने सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर इस मुद्दे को उठाया है और आंदोलन की भी चेतावनी दी है। उन्होंने केंद्र सरकार से 6 हजार से 8 हजार रुपये प्रति क्विंटल के बीच समर्थन मूल्य तय करने की मांग की है। हालांकि, केंद्र सरकार ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पिछले सत्र के 4,600 रुपये प्रति क्विंटल से 292 रुपये बढ़ाकर 4,892 रुपये प्रति क्वींटल कर दिया है, परंतु किसानों को इस मूल्य पर भी अपनी फसल बेचने में कठिनाई हो रही है।