थानों में नहीं लिखी जाएगी अपराधी की जाति
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मुख्यमंत्री ने की घोषणा, कहा अपराधी जिम्मेदार होता है समाज नहीं
भोपाल। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कहा कि अब थानों में अपराधी की जाति नहीं लिखी जाएगी। व्यक्ति अपराधी होता है, समाज नहीं। उन्होंने कहा कि हम अंग्रेजों के बनाए कानून को बदलेंगे।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने यह बात आज राजधानी में विमुक्त दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के थानों में अब अपराधियों की जाति नहीं पूछी जाएगी। अंग्रेजों के जमाने के नियम बदले जाएंगे। मुख्यमंत्री कहा कि अब तक अपराधी के समाज का नाम लिखा जाता था, लेकिन अब ये जरूरी नहीं होगा। सिर्फ अपराधी जिम्मेदार होता है, पूरा समाज नहीं।
समाधि प्रथा के बजाय करें अंतिम संस्कार
उन्होंने कहा कि खास पिछड़ी जातियों के लिए खास योजना बनाई जाएगी, अंतिम संस्कार के लिए जरूरत के हिसाब से स्थान सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ हमारे समाज को भी अपडेट होना पड़ेगा। समाधि प्रथा के बजाय अंतिम संस्कार हो, कच्चे मकान से पक्के मकान में आना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि नाथ समुदाय द्वारा मृत्यु के बाद दफनाने और समाधि बनाने की जो परंपरा है, उसमें सुधार की जरूरत है। इसके बदले दाह क्रिया से अंतिम संस्कार करने की जरूरत है। समाज के युवाओं को अग्निवीर में भर्ती के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ कला के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। आंगनबाड़ी जैसी सुविधाएं भी सबको मिलेंगी।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने की घोषणाएं
प्रमाणपत्र जारी करके जनगणना की जाएगी। जाति प्रमाणपत्र के लिए मूल स्थान को प्राथमिकता दी जाएगी। विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ वर्ग में, जो जाति शामिल नहीं हैं, उन जातियों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। इन खास पिछड़ी जातियों के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी। श्मशान की कमी को पूरा किया जाएगा। मांगलिक भवन के लिए 20 लाख रुपए देंगे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कहा कि अब थानों में अपराधी की जाति नहीं लिखी जाएगी। व्यक्ति अपराधी होता है, समाज नहीं। उन्होंने कहा कि हम अंग्रेजों के बनाए कानून को बदलेंगे।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने यह बात आज राजधानी में विमुक्त दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के थानों में अब अपराधियों की जाति नहीं पूछी जाएगी। अंग्रेजों के जमाने के नियम बदले जाएंगे। मुख्यमंत्री कहा कि अब तक अपराधी के समाज का नाम लिखा जाता था, लेकिन अब ये जरूरी नहीं होगा। सिर्फ अपराधी जिम्मेदार होता है, पूरा समाज नहीं।
समाधि प्रथा के बजाय करें अंतिम संस्कार
उन्होंने कहा कि खास पिछड़ी जातियों के लिए खास योजना बनाई जाएगी, अंतिम संस्कार के लिए जरूरत के हिसाब से स्थान सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ हमारे समाज को भी अपडेट होना पड़ेगा। समाधि प्रथा के बजाय अंतिम संस्कार हो, कच्चे मकान से पक्के मकान में आना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि नाथ समुदाय द्वारा मृत्यु के बाद दफनाने और समाधि बनाने की जो परंपरा है, उसमें सुधार की जरूरत है। इसके बदले दाह क्रिया से अंतिम संस्कार करने की जरूरत है। समाज के युवाओं को अग्निवीर में भर्ती के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ कला के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। आंगनबाड़ी जैसी सुविधाएं भी सबको मिलेंगी।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने की घोषणाएं
प्रमाणपत्र जारी करके जनगणना की जाएगी। जाति प्रमाणपत्र के लिए मूल स्थान को प्राथमिकता दी जाएगी। विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ वर्ग में, जो जाति शामिल नहीं हैं, उन जातियों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। इन खास पिछड़ी जातियों के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी। श्मशान की कमी को पूरा किया जाएगा। मांगलिक भवन के लिए 20 लाख रुपए देंगे।