दलबदलू विधायकों की रोकें विधायक निधि
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस द्वारा दलबदलू विधायकों की विधायक निधि रोकने की मांग उठाई गई है। इस मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है। पत्र में मांग की है कि जिस तारीख से विधायकों रामनिवास रावत और निर्मला सप्रे ने भाजपा की सदस्यता ली है, उस तारीख से इनकी विधायक निधि को रोका जाए।
कांग्रेस उपाध्यक्ष और प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने यह पत्र विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के अलावा सागर और श्योपुर के कलेक्टर को भी भेजा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि यह दल बदल कानून और विधायक पद के लिए अयोग्यता की परिधि में आता है। उन्होंने कहा कि दल बदलने वाले विधायक जब तक निर्वाचित होकर फिर विधायक नहीं बन जाते तब तक उनकी विधायक निधि की राशि भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने की तारीख के बाद से रोक दी जाए। पत्र में लिखा है कि आप विधि के प्रदेश में सबसे बड़े रक्षक हैं तथा विधायिका के पालक है। जनप्रतिनिधित्व के क्षेत्र में शुचिता और नैतिकता को संरक्षण देने की आपसे अपेक्षा स्वाभाविक है। एक चैतन्य नागरिक के रूप में आपसे विनम्र आग्रह है कि ऐसे विधायक जब तक पुनः चुनकर विधायक नहीं बन जाते तब तक भाजपा प्रवेश की तिथि से उनके विधायक निधि के उपयोग को पूर्ण रोक लगा कर नैतिक मूल्यों को संरक्षण देने की कृपा करें। आपका यह कदम नैतिकता को मजबूत करने के इतिहास में मील का पत्थर तो साबित होगा ही। प्रदेश के 8 करोड़ लोगों के भरोसे को भी कायम रखेगा।
गौरतलब है कि रावत ने तो कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, मगर निर्मला सप्रे ने अब भी इस्तीफा नहीं दिया है। इसके चलते कांग्रेस उपचुनाव के पहले इन दोनों विधायकों के क्षेत्र में विधायक निधि पर रोक लगाने की मांग कर रही है।