कांग्रेस संगठन में ओबीसी नेताओं का दबदबा
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उभरने लगा विरोध, कामकाज पर पड़ रहा असर
भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस में संगठन पर ओबीसी वर्ग के नेताओं का एक तरह से कब्जा सा हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष से लेकर अन्य पदों पर इसी वर्ग के नेताओं को कमान सौंपी गई है। इसे लेकर उपज रहे असंतोष का असर भी संगठन के कामकाज पर होता नजर आने लगा है।
लंबे समय पर यह देखने में आ रहा है कि कांग्रेस संगठन में करीब-करीब हर महत्वपूर्ण पद पर ओबीसी वर्ग के नेता को कमान सौंपी गई है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी खुद इसी वर्ग से आते हैं। जातिगत समीकरणों के आधार पर नियुक्तियां करने वाली कांग्रेस में महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई, किसान कांग्रेस, सेवादल और अल्पसंख्यक कांग्रेस तक की कमान ओबीसी के हाथों में सौंप दी गई है। सामान्य वर्ग के नेताआें को देखें तो केवल एक-दो संगठन के मुखिया का पद ही मिल सका है तो एससी-एसटी अपने वर्ग की कांग्रेस तक ही सिमित कर दिए गए हैं। एससी-एसटी कांग्रेस में तो इन्हीं वर्गों से मुखिया बनाना मजबूरी भी है। इनको छोड़ दें तो पूरी कांग्रेस एक तरफा ओबीसी वर्ग के नेताओं का राज है।
ओबीसी वर्ग के नेताओं को अधिकांश पद दिए जाने के चलते अब विरोध भी उभरने लगा है। कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने तो इसकी शिकायत दिल्ली तक पहुंचा दी है। माना जा रहा है कि अब नई कार्यकारिणी गठन में सभी वर्ग के नेताओं को स्थान दिया जा सकता है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि नई कार्यकारिणी का गठन कब तक होगा। कार्यकारिणी गठन का पेंच पहले से ही नेताओं के विरोध के चलते उलझा हुआ है।
ओबीसी के किस नेता के पास कौन सा पद
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल, युवक कांग्रेस अध्यक्ष मितेंद्र दर्शन सिंह यादव और भाराछासं के अध्यक्ष आशुतोष चौकसे हैं। इसी तरह से सेवादल की कमान योगेश यादव, किसान कांग्रेस की कमान दिनेश गुर्जर, पिछड़ा वर्ग कांग्रेस की कमान सिद्धार्थ कुशवाह, मोर्चा प्रकोष्ठ प्रभारी जेपी धनोपिया और अल्पसख्यक कांग्रेस की कमान शेख अलीम के पास है।
भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस में संगठन पर ओबीसी वर्ग के नेताओं का एक तरह से कब्जा सा हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष से लेकर अन्य पदों पर इसी वर्ग के नेताओं को कमान सौंपी गई है। इसे लेकर उपज रहे असंतोष का असर भी संगठन के कामकाज पर होता नजर आने लगा है।
लंबे समय पर यह देखने में आ रहा है कि कांग्रेस संगठन में करीब-करीब हर महत्वपूर्ण पद पर ओबीसी वर्ग के नेता को कमान सौंपी गई है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी खुद इसी वर्ग से आते हैं। जातिगत समीकरणों के आधार पर नियुक्तियां करने वाली कांग्रेस में महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई, किसान कांग्रेस, सेवादल और अल्पसंख्यक कांग्रेस तक की कमान ओबीसी के हाथों में सौंप दी गई है। सामान्य वर्ग के नेताआें को देखें तो केवल एक-दो संगठन के मुखिया का पद ही मिल सका है तो एससी-एसटी अपने वर्ग की कांग्रेस तक ही सिमित कर दिए गए हैं। एससी-एसटी कांग्रेस में तो इन्हीं वर्गों से मुखिया बनाना मजबूरी भी है। इनको छोड़ दें तो पूरी कांग्रेस एक तरफा ओबीसी वर्ग के नेताओं का राज है।
ओबीसी वर्ग के नेताओं को अधिकांश पद दिए जाने के चलते अब विरोध भी उभरने लगा है। कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने तो इसकी शिकायत दिल्ली तक पहुंचा दी है। माना जा रहा है कि अब नई कार्यकारिणी गठन में सभी वर्ग के नेताओं को स्थान दिया जा सकता है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि नई कार्यकारिणी का गठन कब तक होगा। कार्यकारिणी गठन का पेंच पहले से ही नेताओं के विरोध के चलते उलझा हुआ है।
ओबीसी के किस नेता के पास कौन सा पद
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल, युवक कांग्रेस अध्यक्ष मितेंद्र दर्शन सिंह यादव और भाराछासं के अध्यक्ष आशुतोष चौकसे हैं। इसी तरह से सेवादल की कमान योगेश यादव, किसान कांग्रेस की कमान दिनेश गुर्जर, पिछड़ा वर्ग कांग्रेस की कमान सिद्धार्थ कुशवाह, मोर्चा प्रकोष्ठ प्रभारी जेपी धनोपिया और अल्पसख्यक कांग्रेस की कमान शेख अलीम के पास है।