उपचुनाव के लिए बुधनी में कांग्रेस ने बढ़ाई सक्रियता
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पहुंची बुधनी, कार्यकर्ताओं के साथ की बैठकें
भोपाल। प्रदेश में बुधनी और विजयपुर में होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने मैदानी मोर्चा संभाल लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी आज बुधनी विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उपचुनाव की रणनीति बनाने में जुटे रहे। पार्टी उपचुनाव की घोषणा के पहले कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जीत के लिए संभावित प्रत्याशी को तलाशने में जुटी है।
बुधनी और विजयपुर में उपचुनाव होने है। दोनों ही विधानसभा सीटों के विधायकों द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद यहां उपचुनाव की स्थिति निर्मित हुई है। कांग्रेस ने दोनों ही स्थानों पर प्रभारी तैनात कर दिए थे। प्रभारियों की सक्रियता बीते एक पखवाड़े से इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में नजर आ रही है। साथ ही आज से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने खुद सक्रियता दिखाई है। वे आज बुधनी विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे। उन्होंने इस क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर मंडलम और सेक्टर स्तर के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के साथ चर्चा की और उपचुनाव के लिए मैदानी मोर्चा संभालने की बात कही। कांग्रेस यहां पर जीत के लिए प्रत्याशी की तलाश कर रही है। बुधनी विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायक रहे हैं। इस वजह से यह सीट भाजपा की गढ़ मानी जाती रही है। कांग्रेस इस बार इस सीट पर कब्जा करना चाहती है, इसके चलते यहां पर लगातार बैठकों का दौर जारी है।
मोर्चा प्रकोष्ठों की बैठक आज
कांग्रेस के मोर्चा प्रकोष्ठों की बैठक कल शनिवार को होगी। बैठक में सभी को चुनाव में किए कामों की रिपोर्ट लेकर आने के लिए कहा गया है। पार्टी ने यह भी तय किया है कि निष्क्रिय पदाधिकारियों की छुट्टी की जाएगी। प्रदेश कांग्रेस के समस्त विभागों और प्रकोष्ठों के प्रभारी जेपी धनोपिया ने बताया कि संगठन के अंतर्गत आने वाले विभागों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों के साथ पहले बैठक होगी। इसमें उनके प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा और सुधार के लिए सुझाव लिए जाएंगे। वहीं, दोपहर बाद से प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक होगी। इसमें उनसे लोकसभा चुनाव 2024 में अपने विभाग, प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों द्वारा किए गए कार्यों और गतिविधियों की जानकारी ली जाएगी। सूत्रों का कहना है कि ऐसे प्रकोष्ठ जिनकी प्रकृति एक जैसी है, उन्हें आपस में मिलाया जा सकता है तो विभिन्न संगठनों के उन पदाधिकारियों की छुट्टी की जाएगी जो निष्क्रिय हैं।
भोपाल। प्रदेश में बुधनी और विजयपुर में होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने मैदानी मोर्चा संभाल लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी आज बुधनी विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उपचुनाव की रणनीति बनाने में जुटे रहे। पार्टी उपचुनाव की घोषणा के पहले कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जीत के लिए संभावित प्रत्याशी को तलाशने में जुटी है।
बुधनी और विजयपुर में उपचुनाव होने है। दोनों ही विधानसभा सीटों के विधायकों द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद यहां उपचुनाव की स्थिति निर्मित हुई है। कांग्रेस ने दोनों ही स्थानों पर प्रभारी तैनात कर दिए थे। प्रभारियों की सक्रियता बीते एक पखवाड़े से इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में नजर आ रही है। साथ ही आज से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने खुद सक्रियता दिखाई है। वे आज बुधनी विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे। उन्होंने इस क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर मंडलम और सेक्टर स्तर के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के साथ चर्चा की और उपचुनाव के लिए मैदानी मोर्चा संभालने की बात कही। कांग्रेस यहां पर जीत के लिए प्रत्याशी की तलाश कर रही है। बुधनी विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायक रहे हैं। इस वजह से यह सीट भाजपा की गढ़ मानी जाती रही है। कांग्रेस इस बार इस सीट पर कब्जा करना चाहती है, इसके चलते यहां पर लगातार बैठकों का दौर जारी है।
मोर्चा प्रकोष्ठों की बैठक आज
कांग्रेस के मोर्चा प्रकोष्ठों की बैठक कल शनिवार को होगी। बैठक में सभी को चुनाव में किए कामों की रिपोर्ट लेकर आने के लिए कहा गया है। पार्टी ने यह भी तय किया है कि निष्क्रिय पदाधिकारियों की छुट्टी की जाएगी। प्रदेश कांग्रेस के समस्त विभागों और प्रकोष्ठों के प्रभारी जेपी धनोपिया ने बताया कि संगठन के अंतर्गत आने वाले विभागों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों के साथ पहले बैठक होगी। इसमें उनके प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा और सुधार के लिए सुझाव लिए जाएंगे। वहीं, दोपहर बाद से प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक होगी। इसमें उनसे लोकसभा चुनाव 2024 में अपने विभाग, प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों द्वारा किए गए कार्यों और गतिविधियों की जानकारी ली जाएगी। सूत्रों का कहना है कि ऐसे प्रकोष्ठ जिनकी प्रकृति एक जैसी है, उन्हें आपस में मिलाया जा सकता है तो विभिन्न संगठनों के उन पदाधिकारियों की छुट्टी की जाएगी जो निष्क्रिय हैं।