रावत को राहत, विस अध्यक्ष ने खारिज किया कांग्रेस का आवेदन
भोपाल। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार द्वारा रामनिवास रावत के विधायकी को शून्य करने के लिए आवेदन देकर शिकायत विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर से की थी। तोमर ने उस आवेदन को खारिज कर दिया है। आवेदन खारिज होने की प्रमुख वजह रामनिवास रावत का विधायक पद से इस्तीफा देना माना जा रहा है।
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता लेने वाले विधायक रामनिवास रावत की विधायकी को शून्य करने के लिए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के समक्ष आवेदन देकर शिकायत की थी। आवेदन में उन्होंने दल बदल कानून का जिक्र करते हुए रामनिवास रावत की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी, लेकिन इस बीच प्रदेश की सियासत में तेजी से कई घटनाक्रम घटे। रामनिवास रावत को मोहन सरकार में मंत्री बनाया गया और उसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। विधायक पद छोड़ देने की वजह से विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने याचिका को खारिज किया है।
विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि रामनिवास रावत ने 8 जुलाई को विधानसभा की सदस्यता से खुद ही त्यागपत्र दे दिया था, इसलिए प्रकरण को समाप्त कर अर्जी को खारिज किया गया है। दरअसल, अगर रामनिवास रावत विधायक पद नहीं छोड़ते तो फिर उन पर दलबदल कानून लागू हो सकता था, जिसके तहत रावत 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर अयोग्य घोषित हो सकते थे। ऐसे में यह याचिका खारिज होना मंत्री रामनिवास रावत के लिए राहत भरा माना जा रहा है।
निर्मला सप्रे पर कोई फैसला नहीं
बीना से विधायक निर्मला सप्रे को लेकर भी नेता प्रतिपक्ष ने विधायकी ष्शून्य किए जाने के लिए आवेदन दिया है। मगर विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने अभी उनके मामले में कोई फैसला नहीं लिया है। माना जा रहा है कि बीना विधायक को लेकर भाजपा संगठन जल्द ही कोई फैसला लेगा, उसके बाद ही विधानसभा अध्यक्ष भी इस मामले में कोई फैसला सुनाएंगे।