गुटबाजी में उलझी कांग्रेस, बढ़ रही अंतर्कलह
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युवा नेतृत्व पर उठने लगे सवाल
भोपाल। लोकसभा चुनाव और हाल ही में हुए अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में अब गुटबाजी सतह पर आ गई है। नेताओं के बीच अंतर्कलह इस कदर होने लगी है कि युवा नेतृत्व पर सवाल उठाए जा रहे हैं। असंतोशश अब गुस्से के रूप में सामने आ रहा है। संगठन मजबूत करने की नसीहत देने वाले नेता भी मौन नजर आ रहे हैं।
प्रदेश में कांग्रेस को मिल रही लगातार हार के बाद नेताओं के बीच अंतर्कलह तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में अमरवाड़ा में मिली हार के बाद तो यह गुस्से के रूप में भी नजर आया। लगातार नेताओं की नाराजगी प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ उभर कर सामने आ रही है। पार्टी में अनुशासन के बजाय अनुशासनहीनता ज्यादा बढ़ती नजर आ रही है। इसका उदाहरण लगातार आए दिन नेताओं की बयानबाजी से देखने को मिल रहे हैं। कांग्रेस और फिर महिला कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ उठे विरोध के स्वर साफ संकेत दे रहे हैं कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है। फिर भी नेतृत्व कर रहे नेता अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के बजाय उन्हें लगातार नोटिस दिए जा रहे हैं। इससे पार्टी में अंतर्कलह और तेज होता नजर आ रहा है। कांग्रेस नेता खुलकर बोलते नजर आ रहे हैं।
अमरवाड़ा उपचुनाव में चुनाव प्रचार के दौरान भी पार्टी नेताओं के बीच अंदरूनी गुटबाजी दिखाई दे रही थी। पहले दो वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोला। एक ने पार्टी हाईकमान को पत्र लिखा तो दूसरे ने मीडिया के सामने बयानबाजी कर युवा नेतृत्व को घेरा। इसके बाद अब हाल में महिला कांग्रेस की हुई बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा और महामंत्री मधु शर्मा के बीच तीखी नोंक-झोंक की खबरें सामने आई। यह नोंक-झोंक इतनी बढ़ गई थी कि बैठक में मधु शर्मा जूते मारने तक की बात कहने तक जा पहुंची। अलका लांबा के साथ तीखी नोंक-झोंक को लेकर पार्टी ने मधु शर्मा को ही नोटिस जारी किया है। कांग्रेस से जुड़े लोगों का कहना है कि पार्टी के भीतर अब भी गुटबाजी खत्म नहीं हुई है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश कार्यकारिणी तक नहीं बन पा रही है।
नेता नहीं सुन रहे कार्यकर्ता की बात
अब कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ अमीनुल सूरी ने भी पार्टी में गुटबाजी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस नेता वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं की बात सुनने को तैयार नहीं हैं और आने वाले समय में कोई बड़ा विस्फोट हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा। माना जा रहा है कि बड़े नेताओं की ही कार्यशैली ही वह वजह है कि बड़ी तादाद में जन आधार वाले नेता कांग्रेस छोड़कर रहे हैं। वहीं कई नेता प्रदेश में अलग-अलग तरीके से प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बयान बाजी करते नजर आ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में कितना बदलाव और कितना नयापन लाएगी। फिलहाल तो सभी को नई कार्यकारिणी के गठन का इंतजार है।
भोपाल। लोकसभा चुनाव और हाल ही में हुए अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में अब गुटबाजी सतह पर आ गई है। नेताओं के बीच अंतर्कलह इस कदर होने लगी है कि युवा नेतृत्व पर सवाल उठाए जा रहे हैं। असंतोशश अब गुस्से के रूप में सामने आ रहा है। संगठन मजबूत करने की नसीहत देने वाले नेता भी मौन नजर आ रहे हैं।
प्रदेश में कांग्रेस को मिल रही लगातार हार के बाद नेताओं के बीच अंतर्कलह तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में अमरवाड़ा में मिली हार के बाद तो यह गुस्से के रूप में भी नजर आया। लगातार नेताओं की नाराजगी प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ उभर कर सामने आ रही है। पार्टी में अनुशासन के बजाय अनुशासनहीनता ज्यादा बढ़ती नजर आ रही है। इसका उदाहरण लगातार आए दिन नेताओं की बयानबाजी से देखने को मिल रहे हैं। कांग्रेस और फिर महिला कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ उठे विरोध के स्वर साफ संकेत दे रहे हैं कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है। फिर भी नेतृत्व कर रहे नेता अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के बजाय उन्हें लगातार नोटिस दिए जा रहे हैं। इससे पार्टी में अंतर्कलह और तेज होता नजर आ रहा है। कांग्रेस नेता खुलकर बोलते नजर आ रहे हैं।
अमरवाड़ा उपचुनाव में चुनाव प्रचार के दौरान भी पार्टी नेताओं के बीच अंदरूनी गुटबाजी दिखाई दे रही थी। पहले दो वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोला। एक ने पार्टी हाईकमान को पत्र लिखा तो दूसरे ने मीडिया के सामने बयानबाजी कर युवा नेतृत्व को घेरा। इसके बाद अब हाल में महिला कांग्रेस की हुई बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा और महामंत्री मधु शर्मा के बीच तीखी नोंक-झोंक की खबरें सामने आई। यह नोंक-झोंक इतनी बढ़ गई थी कि बैठक में मधु शर्मा जूते मारने तक की बात कहने तक जा पहुंची। अलका लांबा के साथ तीखी नोंक-झोंक को लेकर पार्टी ने मधु शर्मा को ही नोटिस जारी किया है। कांग्रेस से जुड़े लोगों का कहना है कि पार्टी के भीतर अब भी गुटबाजी खत्म नहीं हुई है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश कार्यकारिणी तक नहीं बन पा रही है।
नेता नहीं सुन रहे कार्यकर्ता की बात
अब कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ अमीनुल सूरी ने भी पार्टी में गुटबाजी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस नेता वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं की बात सुनने को तैयार नहीं हैं और आने वाले समय में कोई बड़ा विस्फोट हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा। माना जा रहा है कि बड़े नेताओं की ही कार्यशैली ही वह वजह है कि बड़ी तादाद में जन आधार वाले नेता कांग्रेस छोड़कर रहे हैं। वहीं कई नेता प्रदेश में अलग-अलग तरीके से प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बयान बाजी करते नजर आ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में कितना बदलाव और कितना नयापन लाएगी। फिलहाल तो सभी को नई कार्यकारिणी के गठन का इंतजार है।