मांग मनवाने के इंतजार में इस्तीफा नहीं दे रही निर्मला सप्रे
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पचास फीसदी वादे पूरा कराना चाहती है विधायक
भोपाल। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई विधायक निर्मला सप्रे ने अब तक कांग्रेस विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया है। उनके इस्तीफा ना देने की वजह भी सामने आ रही है। वे भाजपा द्वारा किए वादों को पूरा कराना चाहती है।
बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे के इस्तीफे पर सभी नजरें टिकी हुई है। वहीं विधायक अपनी विधायकी छोड़ना नहीं चाह रही है। उनके साथ भाजपा में आए विजयपुर के विधायक रामनिवास रावत ने मंत्री बनने के बाद विधायकी से इस्तीफा दे दिया, इसके बाद माना जा रहा था कि निर्मला सप्रे भी विधायकी से इस्तीफा दे देंगी, मगर ऐसा हुआ नहीं। अब उनके इस्तीफे दिए जाने या ना दिए जाने को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही है। मगर वे मौन साधे बैठी है। वे इस्तीफे को लेकर ना तो कोई कदम उठा रही है और ना ही कुछ बोल रही है। मगर अब यह बात सामने आ रही है कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के दौरान जनता से किए वादे और भाजपा में शामिल होने के दौरान भाजपा ने उनसे किए वादों को पूरा करने का इंतजार कर रही है।
सूत्रों की माने तो निर्मला सप्रे ने तय किया है कि इस्तीफा देने के पहले वे बीना को जिला बनाने सहित अन्य विकास के वादे 50 प्रतिशत कार्य पूरा कराना चाहती है। साथ ही कांग्रेस छोड़ने के वक्त भाजपा ने जो वादे उनसे किए थे उसे भी वे पूरा कराना चाहती हैं। हालांकि विधायक यह नहीं बता रहा कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के समय उनसे भाजपा ने क्या-क्या वादा किया था। मगर वे अपने समर्थकों को यह कहती नजर आ रही है कि भाजपा ने अभी उनसे किए वादे पचास फीसदी भी पूरे नहीं किए हैं।
भोपाल। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई विधायक निर्मला सप्रे ने अब तक कांग्रेस विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया है। उनके इस्तीफा ना देने की वजह भी सामने आ रही है। वे भाजपा द्वारा किए वादों को पूरा कराना चाहती है।
बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे के इस्तीफे पर सभी नजरें टिकी हुई है। वहीं विधायक अपनी विधायकी छोड़ना नहीं चाह रही है। उनके साथ भाजपा में आए विजयपुर के विधायक रामनिवास रावत ने मंत्री बनने के बाद विधायकी से इस्तीफा दे दिया, इसके बाद माना जा रहा था कि निर्मला सप्रे भी विधायकी से इस्तीफा दे देंगी, मगर ऐसा हुआ नहीं। अब उनके इस्तीफे दिए जाने या ना दिए जाने को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही है। मगर वे मौन साधे बैठी है। वे इस्तीफे को लेकर ना तो कोई कदम उठा रही है और ना ही कुछ बोल रही है। मगर अब यह बात सामने आ रही है कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के दौरान जनता से किए वादे और भाजपा में शामिल होने के दौरान भाजपा ने उनसे किए वादों को पूरा करने का इंतजार कर रही है।
सूत्रों की माने तो निर्मला सप्रे ने तय किया है कि इस्तीफा देने के पहले वे बीना को जिला बनाने सहित अन्य विकास के वादे 50 प्रतिशत कार्य पूरा कराना चाहती है। साथ ही कांग्रेस छोड़ने के वक्त भाजपा ने जो वादे उनसे किए थे उसे भी वे पूरा कराना चाहती हैं। हालांकि विधायक यह नहीं बता रहा कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के समय उनसे भाजपा ने क्या-क्या वादा किया था। मगर वे अपने समर्थकों को यह कहती नजर आ रही है कि भाजपा ने अभी उनसे किए वादे पचास फीसदी भी पूरे नहीं किए हैं।