संकट में फंसे शिवराज, किसे देंगे समर्थन
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सभी दावेदार अपने को मान रहे शिवराज का खास समर्थक
भोपाल। बुधनी विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान संकट में फंसते नजर आ रहे हैं। इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में टिकट पाने के लिए दावेदारी करने वाले दावेदार खुद को शिवराज का समर्थक बता रहे हैं। वे लगातार उनसे संपर्क भी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शिवराज के पुत्र हैं, जो लंबे समय से राजनीतिक कैरियर की शुरूआत करने के लिए बुधनी विधानसभा सीट पर सक्रियता बढ़ाए हुए हैं। अब देखना है कि शिवराज सिंह का समर्थन किसको मिलता है। फिलहाल तो बेटा और समर्थक दोनों ही इस विश्वास पर है कि उन्हें ही शिवराज सिंह का समर्थन मिलेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा लोकसभा सीट से सांसद बनने और फिर केन्द्र में मंत्री बनाए जाने के बाद बुधनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। भावुक मन से दिए इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा था कि बुधनी विधानसभा क्षेत्र की जनता मेरे रोम-रोम में रमती है। मेरी हर सांस में बसती है। शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफा देने के बाद अब इस सीट पर लगातार दावेदारी करने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अधिकांश दावेदार संगठन से ज्यादा शिवराज पर इस बात का भरोसा कर रहे हैं कि उनकी सहमति से ही उनका चयन इस सीट पर प्रत्याशी के रूप में होगा। करीब आधा दर्जन दावेदारों ने अब तक यहां पर दावेदारी कर दी है। सभी दावेदार अपने को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का खास समर्थक मान रहे हैं और कार्यकर्ता की बीच पहुंचकर उनका नाम तय होने की उम्मीद भी जता रहे हैं। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय चौहान भी इस सीट पर अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत करने की इच्छा रखते हैं। शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते हुए ही उन्होंने इस सीट पर खासा मेहनत की। यहां तक की विधानसभा चुनाव के दौरान खुद शिवराज सिंह चौहान के प्रचार की कमान भी उन्होंने अपनी मां साधना सिंह के साथ संभाले रखी। इसके चलते शिवराज सिंह इस सीट पर प्रचार करने ना के बराबर पहुंचे। मगर जनता ने कार्तिकेय की मेहनत के बल पर शिवराज सिंह का साथ नहीं छोड़ा। कार्तिकेय को भी उम्मीद है कि उनकी राजनीतिक पारी की शुरुआत बिना पिता के आशीर्वाद के नहीं हो सकती है। वे इस बात को लेकर निश्चित हैं कि उनकी दावेदारी मजबूत रहेगी, मगर अन्य नेताओं की तरह फिलहाल खुलकर दावेदारी करने से वे दूर नजर आ रहे हैं।
तोमर के दामाद का भी नाम
विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के दामाद नीरज सिंह भाटी का नाम भी दावेदारों में सामने आ रहा है। हालांकि खुलकर उन्होंने अभी दावेदारी नहीं जताई है। नीरज भी शिवराज के समर्थकों में से एक हैं। शादी के पहले से वे शिवराज सिंह चौहान से जुड़े रहे हैं। सीहोर जिले के रहने वाले युवा मोर्चा से जुड़े रहे और धनकोट से एक बार सरपंच भी रह चुके हैं। हालांकि उनके पिता अनूप भार्टी कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। नीरज के अलावा इस सीट पर पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव, पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत, रघुनाथ सिंह भाटी, रवि मालवीय, गोपाल तिवारी, विनय भार्गव, निर्मला बरेला अन्य प्रमुख नाम हैं।
भोपाल। बुधनी विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान संकट में फंसते नजर आ रहे हैं। इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में टिकट पाने के लिए दावेदारी करने वाले दावेदार खुद को शिवराज का समर्थक बता रहे हैं। वे लगातार उनसे संपर्क भी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शिवराज के पुत्र हैं, जो लंबे समय से राजनीतिक कैरियर की शुरूआत करने के लिए बुधनी विधानसभा सीट पर सक्रियता बढ़ाए हुए हैं। अब देखना है कि शिवराज सिंह का समर्थन किसको मिलता है। फिलहाल तो बेटा और समर्थक दोनों ही इस विश्वास पर है कि उन्हें ही शिवराज सिंह का समर्थन मिलेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा लोकसभा सीट से सांसद बनने और फिर केन्द्र में मंत्री बनाए जाने के बाद बुधनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। भावुक मन से दिए इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा था कि बुधनी विधानसभा क्षेत्र की जनता मेरे रोम-रोम में रमती है। मेरी हर सांस में बसती है। शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफा देने के बाद अब इस सीट पर लगातार दावेदारी करने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अधिकांश दावेदार संगठन से ज्यादा शिवराज पर इस बात का भरोसा कर रहे हैं कि उनकी सहमति से ही उनका चयन इस सीट पर प्रत्याशी के रूप में होगा। करीब आधा दर्जन दावेदारों ने अब तक यहां पर दावेदारी कर दी है। सभी दावेदार अपने को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का खास समर्थक मान रहे हैं और कार्यकर्ता की बीच पहुंचकर उनका नाम तय होने की उम्मीद भी जता रहे हैं। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय चौहान भी इस सीट पर अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत करने की इच्छा रखते हैं। शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते हुए ही उन्होंने इस सीट पर खासा मेहनत की। यहां तक की विधानसभा चुनाव के दौरान खुद शिवराज सिंह चौहान के प्रचार की कमान भी उन्होंने अपनी मां साधना सिंह के साथ संभाले रखी। इसके चलते शिवराज सिंह इस सीट पर प्रचार करने ना के बराबर पहुंचे। मगर जनता ने कार्तिकेय की मेहनत के बल पर शिवराज सिंह का साथ नहीं छोड़ा। कार्तिकेय को भी उम्मीद है कि उनकी राजनीतिक पारी की शुरुआत बिना पिता के आशीर्वाद के नहीं हो सकती है। वे इस बात को लेकर निश्चित हैं कि उनकी दावेदारी मजबूत रहेगी, मगर अन्य नेताओं की तरह फिलहाल खुलकर दावेदारी करने से वे दूर नजर आ रहे हैं।
तोमर के दामाद का भी नाम
विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के दामाद नीरज सिंह भाटी का नाम भी दावेदारों में सामने आ रहा है। हालांकि खुलकर उन्होंने अभी दावेदारी नहीं जताई है। नीरज भी शिवराज के समर्थकों में से एक हैं। शादी के पहले से वे शिवराज सिंह चौहान से जुड़े रहे हैं। सीहोर जिले के रहने वाले युवा मोर्चा से जुड़े रहे और धनकोट से एक बार सरपंच भी रह चुके हैं। हालांकि उनके पिता अनूप भार्टी कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। नीरज के अलावा इस सीट पर पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव, पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत, रघुनाथ सिंह भाटी, रवि मालवीय, गोपाल तिवारी, विनय भार्गव, निर्मला बरेला अन्य प्रमुख नाम हैं।