बिना अनुमति लिए बिजली खंभों पर विज्ञापनों के फ्लेक्स
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मंडला कलेक्टर को दिए जांच के निर्देश, मांगी रिपोर्ट
भोपाल। मंडला जिले में बिजली के खंभों पर कंपनियों के विज्ञापनों के फ्लेक्स लगाए जाने के मामले को मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया है। आयोग ने कलेक्टर मंडला से मामले की जांच कराकर सात दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।
जानकारी के अनुसार मंडला शहर में बिना अनुमति के कंपनी के विज्ञापनों के फ्लैक्स बिजली के खंभों पर लगाए गए हैं। इन फ्लैक्स के कारण बिजली फ्लाट और ट्रिपिंग की समस्या का शहरवासियों को सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न कंपनियों के द्वारा नगरीय निकाय से बिना अनुमति लिए बिजली पोल पर अपनी कंपनी के प्रचार-प्रसार के लिए कटआउट, बैनर और पोस्टर लगाये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीएमओ से भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में महिला शौचालय बंद
राजधानी भोपाल के कोलार क्षेत्र में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला ष्शौचालय 6 महीने से बंद पड़ा है। महिलाओं को मजबूरन पुरुष शौचालय में जाना पड़ रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही तुरंत मोबाइल शौचालय की व्यवस्था कराने की सलाह दी है।
भोपाल। मंडला जिले में बिजली के खंभों पर कंपनियों के विज्ञापनों के फ्लेक्स लगाए जाने के मामले को मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया है। आयोग ने कलेक्टर मंडला से मामले की जांच कराकर सात दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।
जानकारी के अनुसार मंडला शहर में बिना अनुमति के कंपनी के विज्ञापनों के फ्लैक्स बिजली के खंभों पर लगाए गए हैं। इन फ्लैक्स के कारण बिजली फ्लाट और ट्रिपिंग की समस्या का शहरवासियों को सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न कंपनियों के द्वारा नगरीय निकाय से बिना अनुमति लिए बिजली पोल पर अपनी कंपनी के प्रचार-प्रसार के लिए कटआउट, बैनर और पोस्टर लगाये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीएमओ से भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में महिला शौचालय बंद
राजधानी भोपाल के कोलार क्षेत्र में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला ष्शौचालय 6 महीने से बंद पड़ा है। महिलाओं को मजबूरन पुरुष शौचालय में जाना पड़ रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही तुरंत मोबाइल शौचालय की व्यवस्था कराने की सलाह दी है।