अर्जुन सिंह, शिवराज सिंह का रिकार्ड बना मुख्यमंत्री के लिए चुनौती
सभी सीटें जीतने के दावे पर कितना खरा उतरेगी भाजपा
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के नेतृत्व में अगर भाजपा प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत हासिल करती है, तो वे अर्जुन सिंह के बाद पहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जिनके मुख्यमंत्री रहते हुए उनकी पार्टी ने सभी सीटों पर कब्जा किया है। अर्जुन सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में 1984 में अविभाजित मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने सभी चालीस सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में भाजपा ने 2014 में 27 और 2019 में 28 सीटों पर जीत हासिल की है।
प्रदेश में लोकसभा की सभी 29 सीटों पर जीत का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा के लिए पहले चरण के मतदान के बाद चुनौती खड़ी हुई है। मगर मुख्यमंत्री डा मोहन यादव से लेकर पूरा संगठन अब भी प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत का दावा कर रहा है। अगर मुख्यमंत्री अपने दावे पर खरे उतरे तो प्रदेश में पहली बार ऐसा होगा जब भाजपा सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी और मुख्यमंत्री यादव अर्जुन सिंह के बाद दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जिनके कार्यकाल में उनकी पार्टी प्रदेश की सभी सीटों पर जीत हासिल करने वाली बनेगी।
1996 से कांग्रेस का गिरता रहा ग्राफ
मध्यप्रदेश में 1996 के लोकसभा चुनाव से कांग्रेस का ग्राफ गिरता रहा है। 1996 में प्रदेश की 40 सीटों में से उसे 8 पर जीत हासिल हुई थी। जबकि भाजपा को 27 और बसपा को 2 सीटों पर जीत मिली थी। 3 सीटें अन्य के खातें कई थी। इसके बाद 1998 में भाजपा को 30 और कांग्रेस को 10 सीटों पर जीत हासिल हुई। 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा 29 और कांग्रेस को 11 सीटों पर सफलता हासिल हुई। इसके बाद 2004 में भाजपा के पास 25 सीटें थीं। यह सफलता बाबूलाल गौर के संक्षिप्त शासनकाल में भाजपा को मिली थी। इसके बाद 2009 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया। इस चुनाव में भाजपा को 16 सीटों पर जीत मिली थी। 12 सीटों पर कांग्रेस और एक पर बसपा ने कब्जा किया था। इसी तरह 2014 का लोकसभा चुनाव भी शिवराज सिंह के नेतृत्व में भाजपा ने लड़ा था, जब भाजपा को 27 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं 2019 में भी उन्हें के नेतृत्व में भाजपा ने 28 सीटों पर जीत हासिल की थी।
1984 में जीती थी कांग्रेस ने सभी सीटें
प्रदेश में अविभाजित मध्यप्रदेश की सभी 40 लोकसभा सीटों पर 1984 में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। इस चुनाव में इंदिरा गांधी की हत्या के चलते कांग्रेस को सहानुभूति लहर के रूप में लड़ा गया था। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह रहे थे। उनके नेतृत्व में पहली बार सभी सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसके बाद देश में चली राम लहर के बावजूद भी प्रदेश में 1989 में भाजपा को प्रदेश की सिर्फ 27 सीटों पर ही जीत हासिल हुई थी। इस बार भाजपा ने देश में 370 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत का लक्ष्य भाजपा के प्रदेश संगठन ने तय किया है। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के लिए यह लक्ष्य चुनौती बना हुआ है।