लाभार्थी संपर्क और बूथ बैठकें होगी ज्यादा
भाजपा ने बदली रणनीति, सभाओं पर कम रहेगा जोर
भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने भी दिग्विजय सिंह की तर्ज पर अपनी रणनीति बदल दी है। सिंह की तरह ही भाजपा अब मतदाता से सीधा संपर्क बनाने पर ज्यादा जोर देगी। बड़ी सभाएं कम की जाएंगी, रैलियों की संख्या भी कम होगी।
चुनाव के दौरान हर प्रत्याशी अपने क्षेत्र में बड़े नेताओं को बुलाकर सभा और रैली कराने पर जोर देता है। भाजपा, कांग्रेस के अलावा दूसरे दल भी चुनाव प्रचार में इसी तरह का माहौल बनाते रहे हैं। मगर इस बार चुनाव प्रचार में बदला-बदला रूप नजर आ रहा है। कांग्रेस ने जब खाते सीज हुए तो चुनाव प्रचार की रणनीति बदली। एक रूपए चंदा मांगकर प्रत्याशी चुनाव मैदान में चुनाव लड़ने की तैयारी करने लगे। ये प्रत्याशी समर्थकों के साथ घर-घर जाकर मतदाता से सीधा संपर्क करने लगे। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी राजगढ़ संसदीय क्षेत्र पहुंचते ही समर्थकों कार्यकर्ताओं को साफ कहा कि बड़ी सभाएं नहीं की जाएंगी। साथ ही नुक्कड़ सभाएं ज्यादा करनी है और मतदाता से सीधा संपर्क करना है। कांग्रेस ने अपनी रणनीति पर काम करना ष्शुरू ही किया था कि अब भाजपा ने भी रणनीति में बदलाव किया है।
भाजपा ने बदली रणनीति के तहत बड़ी संभाएं और रैलियां की संख्या कम करने की तैयारी की है। इसके अलावा लाभार्थी संपर्क और बूथ बैठकें ज्यादा से ज्यादा करने की बात संगठन ने कही है। बूथ कार्याकर्ता को निर्देश दिए जा रहे हैं ि कवे लाभार्थी संपर्क बढ़ाएं। योजनाओं के जो लाभार्थी हैं, उनसे अनवरत संपर्क रखें और उन्हें बताएं सरकार ने उनके लिए जो योजनाएं चलाई है, उसका उन्हें कैसे फायदा मिला है।
नव मतदाताओं को भी देंगे योजनाओं की जानकारी
पार्टी ने बूथ स्तर पर नवमतदाताओं को साधने की तैयारी की है। इसके तहत बूथ पर तैनात कार्यकर्ताओं के जरिए पार्टी नवमतदाता से संपर्क कर उन्हें बताएगी कि केन्द्र और प्रदेश सरकार ने युवा वर्ग के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चलाई है। युवा किस तरह योजनाओं का फायदा उठा सकता है। इसके अलावा कांग्रेस शासनकाल में युवाओं के लिए क्या किया वहीं भाजपा सरकारों ने युवाओं के लिए कौन-कौन से कार्य किए हैं।