रतलाम-झाबुआ में बाप ने बढ़ाई सक्रियता, कांग्रेस की बढ़ेगी मुसीबत
बालुसिंह गामड़ को घोषित किया प्रत्याशी
भोपाल। विधानसभा के 2023 के चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी (बाप) ने सैलाना से एक विधायक जीताकर राजनीतिक दलों की चिंता को बढ़ा दिया था। इसके बाद अब लोकसभा चुनाव के लिए एक बार फिर पार्टी ने रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र से बालुसिंह गामड़ को प्रत्याशी बनाया है। बाप के प्रत्याशी के मैदान में होने से भील समुदाय के वोटों का धु्रवीकरण होना तय है, इससे कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।
रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट पर भारत आदिवासी पार्टी (बाप) ने अपना प्रत्याशी घोशित कर दिया है। पार्टी के राश्टीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत ने प्रत्याशी बालुसिंह गामड़ के नाम की घोशणा की है। बाप द्वारा प्रत्याशी उतारे जाने से इस सीट पर रोचक मुकाबला होने के आसार है। इस संसदीय क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग के मतदाताओं का खासा प्रभाव है। संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से सात सीटें इस वर्ग के लिए आरक्षित है। इनमें से एक सीट सैलाना पर बाप पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी कमलेश्वर डोडियार को मैदान में उतारा था। डोडियार ने यहां जीत हासिल कर प्रदेश के राजनीतिक दलों को चौंका दिया था। इस चुनाव में सैलाना ही इकलौती ऐसी सीट थी जहां पर अन्य दल का कोई विधायक चुनाव जीता था। बाकि प्रदेश में कहीं भी भाजपा, कांग्रेस के अलावा किसी अन्य दल का प्रत्याशी चुनाव नहीं जीता था।
कांग्रेस को हो सकता है नुकसान
बाप पार्टी के प्रत्याशी के मैदान में उतरने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है। पिछले चुनाव का आंकलन देखा जाए तो जब जब आदिवासी अंचल में तीसरा मोर्चा चुनाव लड़ा है, उसका सीधा नुकसान कांग्रेस को ही हुआ है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर लगभग 55 फीसदी भील, 25 फीसदी भिलाला, 10-12 फीसदी पटेलिया और शेष 20 फीसदी अन्य जाति के मतदाता है। इनें भील, भिलाला और पटेलिया जनजाति के लोगों में बाप पार्टी का खासा प्रभाव है।